दिल्ली:
उद्योगपति गौतम अडानी और उनकी कंपनी अडानी ग्रुप का संकट छंटने का नाम ही नहीं ले रहा है. अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से वह लगातार परेशानियों का सामना कर रहे हैं. इस मामले में मार्केट रेग्युलेटर सेबी की एक जांच पहले से चल रही है, जिसका दायरा अब बढ़ा दिया गया है. सेबी जिन-जिन देशों में अडानी ग्रुप का कारोबार फैला है, उन देशों के मार्केट रेग्युलेटर से भी जानकारी जुटा रही है.

इतना ही नहीं सेबी ने अडानी समूह से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए अब खोजी पत्रकारों के एक संगठन ओसीसीआरपी से भी संपर्क साधा है. इस संगठन ने अडानी ग्रुप को लेकर कई रिपोर्ट प्रकाशित की हैं और उनमें कई दस्तावेजों का हवाला दिया गया है. सेबी की कोशिश सभी तरह के दस्तावेजों को एक जगह जुटाने की है, ताकि मामले से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठी की जा सके. हालांकि ओसीसीआरपी ने किसी भी तरह के दस्तावेज देने से फिलहाल इनकार कर दिया है.

अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज की ओर से जानकारी दी गई है कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने मुंबई एयरपोर्ट से जुड़े मामलों में खातों की जांच शुरू की है. मंत्रालय की ओर से मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़े खातों की जांच के लिए 14 अक्टूबर को ही नोटिस मिल गया था. मंत्रालय ने कंपनी से 2017 से लेकर 2022 तक की अवधि तक के लिए खातों की जानकारी मांगी है.

गौरतलब है कि गौतम अडानी के अडानी ग्रुप ने जीवीके ग्रुप से मुंबई के एयरपोर्ट का अधिग्रहण किया था. उस समय जीवीके समूह पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप लगे थे. इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है. सेबी अडानी और गल्फ एशिया फंड के संबंधों की भी जांच कर रही है.