टीम इंस्टेंटखबर
पिछले कुछ दिनों से डॉलर के मुकाबले रुपया में लगातार गिरावट का दौर जारी है। आलम यह है कि आज एकबार फिर यह अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। आज रुपये एक डॉलर के मुकाबले 28 पैसे की गिरावट के साथ अपने एतिहासिक निचले स्तर 77.73 रुपये पर जा पहुंचा है। जानकारों की मानें तो फिलहाल भारतीय रुपया पर दबाव रहेगा और यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 78 के स्तर के पार भी पहुंच सकता है। दुनिया भर में फैली अनिश्चितता को इसका मुख्य वजह माना जा रहा है।
दरअसल रूस और यूक्रेन युद्ध के और लंबा चलने की आशंका जताई जा रही है। साथ ही यूएस फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें बढ़ाए जाने से ग्लोबल ग्रोथ में स्लोडाउन आने के डर की भी संभावना है। इसके साथ ही विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से भी रुपए पर दबाव बना हुआ है।
ऐसे में डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार आ रही गिरावट पर ब्रेक के लिए अभी सभी की उम्मीदें आरबीआई पर टिकी हैं। सवाल उठता है कि क्या आरबीआई रुपये को और गिरने से रोकने के लिए डॉलर की बिकवाली करेगा क्योंकि रुपये को नहीं थामा गया तो रुपये में गिरावट के चलते लोगों पर महंगाई की और मार पड़ सकती है। आयात महंगा हो सकता है।
चालू वित्त वर्ष में भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 2.16 फीसदी कमजोर हो चुका है। ग्लोबल क्रूड ऑयल भी 110 डॉलर प्रति बैरल के आसपास ट्रेड कर रहा है, जो भारतीय मुद्रा पर और दबाव डाल रहा है। दरअसल भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है। बढ़ता व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भुगतान संतुलन को बहुत ज्यादा गड़बड़ा सकता है। जो भारतीय मुद्रा के लिए नकारात्मक साबित होगा।
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