अशोक बाम्बी

पिछले आईपीएल के दौरान एक बहुत ही उदयमान खिलाड़ी का उदय हुआ था वह खिलाड़ी था उत्तर प्रदेश का रिंकू सिंह । रिंकू सिंह उस समय क्रिकेट की दुनिया में छा गए जब उन्होंने लगातार पांच गेंद पर पांच छक्के लगाकर अपनी टीम को जीत दिलवाई थी। इसके पश्चात उन्होंने तमाम अच्छी पारियां खेली और देखते ही देखते वह भारतीय “ए ” टीम का हिस्सा बन गए । मुझे उम्मीद है कि रिंकू सिंह जल्दी ही अपना स्थान भारतीय टीम में बना लेंगे और आगामी विश्व कप में टीम का एक हिस्सा होंगे ।

अब तक रिंकू सिंह ने घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त प्रदर्शन किया है चाहे वह रणजी ट्रॉफी रही हो , एक दिवसीय मैच रहा हो या T20 का मैच रहा हो लेकिन उनकी पहचान पिछले वर्ष आयोजित आईपीएल से ही हुई। आज रिंकू सिंह की पहचान एक फिनिशर के रूप में हो रही है जो कि किसी समय महेंद्र सिंह धोनी किया करते थे। अच्छी बात है लेकिन मेरे विचार से रिंकू सिंह को ऊपर खेलना चाहिए जिससे कि वह लंबे स्कोर कर सकें खास तौर से उत्तर प्रदेश की टीम से खेलते हुए उनको रणजी ट्रॉफी व एक दिवसीय मैच में चार नंबर पर खेलना चाहिए और बेहतर होगा कि वह T20 में तीन नंबर पर बल्लेबाजी करें । रिंकू सिंह पर अगर एक फिनिशर का ठप्पा लग गया तो वह ज्यादातर मैचो में ऊपर नहीं खेल पाएंगे और उन्हें एक फिनिशर की भूमिका के अंतर्गत ही रहना पड़ेगा । इससे उनका उस समय काफी नुकसान होगा जब यदि वे एक दो मैच में असफल रहे और टीम हारी तो उनको बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। उनके लिए बड़ी व लंबी पारियां खेलने अत्यंत आवश्यक है।

अभी दूसरे T20 मैच में जिस प्रकार से उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक बढ़िया पारी खेली वह बहुत ही प्रशंसनीय है। मुझे जो सबसे अच्छी बात वह लगी जो कि उनका टेंपरामेंट और उनका प्रत्येक गेंद मेरिट पर खेलना । उनके आत्मविश्वास और और सही गेंद के चुनाव की प्रशंसा करनी होगी जो की उन्होंने स्थिति के अनुसार स्ट्रोक लगाएं । पहले मैच में भी उनकी पारी देखने योग्य पारी थी । उनकी सबसे बड़ी जो विशेषता नजर आई वह है एकाग्रता और एकदम शांत बने रहना और गेंद के साथ जबरदस्ती न करना। आशा है कि प्रदेश का यह उदयमान खिलाड़ी आने वाले वर्षों में एक श्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप मे आगे निकल कर आएगा और प्रदेश के साथ-साथ देश का भी नाम रोशन करेगा।