नई दिल्ली: देश भर में इन दिनों कोरोना वायरस के ज्यादातर ऐसे मरीज मिल रहे हैं जिनमें इस बीमारी के लक्षण नहीं हैं। लिहाजा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी की है। सरकार की ये गाइडलाइन कोरोना के माइल्‍ड, प्रीसिम्‍टोमेटिक और एसिम्‍टोमेटिक मामलों को लेकर है। सरकार के नए निर्देश के मुताबिक, जो पहले से एचआईवी और कैंसर के मरीज हैं उन्हें होम आइसोलेशन में नहीं, बल्कि अस्पताल में इलाज कराना होगा। वहीं, होम आइसोलेशन वाले मरीज लक्षण की शुरुआत के 10 दिन बाद डिस्चार्ज हो जाएंगे, लेकिन यहां ये भी देखना होगा कि मरीज को 3 दिन तक बुखार न हो।

होम आइसोलेशन के बाद टेस्टिंग ज़रूरी नहीं
नई गाइडलाइन के मुताबिक, हल्के लक्षण या बगैर लक्षण वाले मरीज जिनको कोई दूसरी बीमारी नहीं है वो होम आइसोलेशन में रहते हुए अपना इलाज करा सकेंगे, लेकिन इसके लिए पहले डॉक्टर की इजाजत जरूरी होगी। होम आइसोलेशन पूरा होने के बाद टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी। बड़ी संख्या में बिना लक्षण वाले मामले सामने आने के बाद ये नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन में कहा गया है कि यदि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज को सांस लेने में दिक्‍कत होती है, सीने में दर्द शुरू होता है या बोलने में तकलीफ होती है तो उन्हें अस्पताल आना होगा। इसके अलावा 60 साल के ऊपर के मरीजों को अस्पताल में ही अपना इलाज कराना होगा।

गंभीर बीमारी वालों को यह करना होगा
इसके अलावा जिन्हें डायबिटीज, हाईपर टेंशन, कैंसर, किडनी, फेफड़ों से संबंधित बीमारी है उनको भी अस्‍पताल में ही इलाज कराना होगा। सरकार का साफ कहना है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को परिवार के सदस्‍यों से बिल्‍कुल ही अलग रहना होगा। मंत्रालय की ये गाइडलाइन उन सभी राज्यों के लिए है जिन्होंने होम आइसोलेशन की इजाजत दी है।

केयर गिवर
जारी गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज की देखभाल के लिए 24 घंटे एक केयर गिवर होगा। केयर गिवर मरीज के स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में अस्‍पताल और मरीज के बीच सेतु का काम करेगा। केयर गिवर को चिकित्‍सक के परामर्श के आधार पर तय प्रोटोकॉल के तहत हाइड्रोक्‍सी क्‍लोरोक्‍वीन की खुराक लेनी चाहिए। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज के मोबाइल में आरोग्‍यसेतु ऐप डाउनलोड होना चाहिए। यही नहीं होम आइसोलेशन के दौरान इसे पूरी तरह सक्रिय होना चाहिए। नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों में लक्षण दिखने के 10 दिनों के बाद और तीन दिन तक बुखार नहीं आने पर ही उनकी अवधि खत्‍म मानी जाएगी।