बिजनेस ब्यूरो
सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, खुदरा महंगाई आठ माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. जनवरी में यह 6.01 फीसदी पर थी, जो अब बढ़कर 6.07 फीसदी हो गई है.

खुदरा महंगाई की ये दर रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा महंगाई को काबू में रखने की सीमा से ऊपर है, जो छह फीसदी तय की गई थी. अगर महंगाई में बढ़ोतरी का यही रुख जारी रहता है तो रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में बढ़ोतरी का रुख करना पड़ सकता है. आरबीआई ने पिछले दो सालों से रेपो रेट को करीब चार फीसदी के आसपास बनाए रखा है.

अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं तो आपकी होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की ईएमआई भी बढ़ेगी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक महंगाई भी फरवरी माह में बढ़ी है. यह लगातार 11वां महीना है, जब थोक महंगाई दोहरे अंकों में रही है. थोक महंगाई फरवरी में 13.11 फीसदी रही है, जो जनवरी 2022 में 12.96 फीसदी रही थी. ईंधन और बिजली की महंगाई सबसे ज्यादा 31.50 फीसदी रही है.

खुदरा मूल्य सूचकांक (CPI) की बात करें तो पिछले साल फरवरी 2021 में खुदरा महंगाई 5.03 फीसदी थी. इससे पहले जून 2021 में रिटेल इन्फ्लेशन 6.26 परसेंट थी. रिजर्व बैंक से सरकार ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि खुदरा महंगाई 4 फीसदी के आसपास बनाए रखी जाए, यह दो फीसदी तक ऊपर या नीचे हो सकती है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के मुताबिक, फूड बास्केट यानी खाद्य पदार्थों की महंगाई 5.89 फीसदी तक पहुंच गई है, जो पिछले माह 5.43 फीसदी रही थी. खाद्य पेय पदार्थों की महंगाई भी 15 महीने के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.