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तमिलनाडु विधानसभा में नागरिकता संशोधन अधिनियम यानि CAA के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा पेश प्रस्ताव में कहा गया है कि धर्म नागरिकता प्राप्त करने का आधार नहीं है और धार्मिक आधार पर कोई कानून नहीं लाया जा सकता है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि सीएए कानून श्रीलंका में तमिलों के खिलाफ है

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि ने कहा कि जब लोग सौहार्दपूर्ण ढंग से रह रहे हों क्या ऐसे कानून की जरूरत है ? स्टालिन ने कहा, शरणार्थियों को सरकार इंसानों की तरह देखे। वहीँ प्रस्ताव का विरोध करते हुए बीजेपी विधायक नैनार नागेंद्रन ने CAA को सीधे मुसलमानों से जोड़ते हुए कहा कि कानून भारत में रहने वाले मुसलमानों के खिलाफ नहीं है।

सीएए, 2019 ने नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करके धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को नागरिकता प्रदान की है, जिन्हें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान में सताया गया और दिसंबर 2014 से पहले भारत पहुंचे थे।