नई दिल्ली: केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को समर्थन दे रही राष्ट्रीय तांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने केन्द्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुये आज संसद की तीन समितियों की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बेनीवाल ने अपना इस्तीफा पत्र लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजा है।
बेनीवाल ने आज यहां आयोजित आरएलपी की बैठक के बाद वह कृषि कानून के विरोध में धरने पर बैठे किसानों का साथ देने के लिए आगामी 26 दिसंबर को दो लाख समर्थकों के साथ दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में बने रहने के बारे में भी फैसला उसी दिन होगा। बिरला को भेजे पत्र में बेनीवाल ने संसद की उद्योग संबंधी स्थायी समिति, याचिका समिति व पेट्रोलियम व गैस मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति से इस्तीफा देने बात की है।
बेनीवाल के अनुसार उन्होंने सदस्य के रूप में जनहित से जुड़े अनेक मामलों को उठाया, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए वह किसान आंदोलन के समर्थन में व लोकहित के मुद्दों को लेकर संसद की तीन समितियों के सदस्य पद से त्याग पत्र दे रहे हैं।
बैठक में बेनीवाल ने कहा कि उनकी संजीवनी किसानों के काम आयेगी और आरएलपी का आधार किसान ही है और पार्टी किसानों के साथ हमेशा से खड़ी है और आगे भी रहेगी।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जी से हमने अपील भी की है। एनडीए गठबंधन में होने के नाते मैंने पत्र भी लिखा कि अगर आप इन्हें वापस नहीं लेंगे तो हम एनडीए के समर्थन पर पुनर्विचार करेंगे।
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