बिजनेस ब्यूरो
रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई विवादित डील खिलाफ अमेज़न की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अमेज़न के पक्ष में फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की करीब 24 हजार करोड़ की डील पर अभी रोक लग गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सिंगापुर में जो इमरजेंसी आर्बिट्रेशन का फैसला है, वह भारत में भी लागू होगा. बता दें कि सिंगापुर में रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के फैसले पर रोक लगा दी गई थी, इसी के बाद भारत में भी अमेजन ने विलय सौदे के खिलाफ याचिका दायर की थी.
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की बेंच ने इस वृहद प्रश्न पर गौर किया और निर्णय दिया कि किसी विदेशी कंपनी के आपात निर्णायक (ईए) का फैसला भारतीय मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम के तहत लागू करने योग्य है बावजूद इसके कि ईए शब्द का उपयोग यहां मध्यस्थता कानूनों में नहीं किया गया है।
बेंच ने कहा, “ईए का आदेश धारा 17 (1) के तहत आने वाला आदेश है और इसे मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम की धारा 17 (2) के तहत लागू करने योग्य है।”
बता दें कि अमेजन डॉट कॉम एनवी इंवेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी और एफआरएल के बीच इस सौदे को लेकर विवाद था और अमेरिका स्थित कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि ईए का फैसला वैध एवं लागू करने योग्य बताया जाए।
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