ज़ीनत क़िदवाई

ज़ीनत क़िदवाई

राजस्थान में अटकलें लगाई जा रही हैं कि उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट कांग्रेस छोड़ने वाले हैं। अटकलों की चर्चा को उस वक्त ज्यादा हवा मिली जब राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में सचिन पायलट को ही एटीएस और एसओजी (SOG) की ओर से पूछताछ का नोटिस भेज दिया गया। सचिन पायलट इस मामले में अभी तक चुप है लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सचिन पायलट अपनी सरकार के इस कदम से काफी नाराज हो गए हैं। सचिन पायलट अपने विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच चुके हैं और वह पार्टी आलाकमान के साथ बैठक कर सकते हैं।

राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को राज्य सरकार को अस्थिर करने के कथित प्रयासों की जांच में पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा गया था। पायलट को शुक्रवार को राजस्थान आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने पूछताछ के लिए बुलाया था। सूत्रों का कहना है कि 10 जुलाई को नोटिस मिलने पर सचिन पायलट बहुत गुस्से में थे। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अधीन आता है जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं। इसलिए पत्र को उनके डिप्टी सचिन पायलट द्वारा एक प्रतिशोध के रूप में देखा गया था।

राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों में शुक्रवार को एक मामला दर्ज किया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (SOG) अशोक राठौड़ ने बताया कि दो व्यक्ति, जिनके मोबाइल नम्बर की जानकारी है, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया, ‘‘ दर्ज किये गये मामले में आरोप यह है कि दोनों व्यक्तियों की बातचीत से लगता है कि उन्हें पता है कि क्या हो रहा है, कैसे खरीद- फरोख्त करनी है या इस पर आगे बढ़ना है… कैसे सरकार को अस्थिर करना है या उसके बाद क्या स्थिति बनेगी और उससे इन्हें कैसे फायदा हो सकता है।’

सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के आरोपों के बीच कई मंत्रियों व विधायकों ने शनिवार को यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। सिविल लांइस स्थित मुख्यमंत्री निवास में गहलोत से मुलाकात करने वालों में सरकार के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग व श्रम मंत्री टीकाराम जूली शामिल हैं। इसके अलावा बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए कई विधायक व कांग्रेस का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक भी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे।

बीजेपी कांग्रेस के इस सियासी संकट को कैश करने में जुट गयी है| इन सारे मामलों पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (arjun meghwal) ने कहा, अशोक गहलोत साहब ने जब मुख्यमंत्री की शपथ ली थी, उस समय की प्रेस कांफ्रेंस में सचिन पायलट ने कहा था बीजेपी वाले कह रहे थे कि मुख्यमंत्री कब मिलेगा, आज राजस्थान को दो मुख्यमंत्री मिल गए हैं। अर्जुन राम मेघवाल ने आगे कहा, उसी से अशोक गहलोत को समझ लेना चाहिए था कि कांग्रेस ने 2 मुख्यमंत्री दिए हैं जैसा सचिन पायलट खुद कह रहे थे। और ये सत्ता के दो केंद्र हो गए। सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री होने के साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। ये दो केंद्र अशोक गहलोत संभाल नहीं पा रहे हैं।

राजस्थान से बीजेपी के एक और सांसद ओम माथुर ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही सत्ताधारी पार्टी में कलह हो रही थी। जब उनसे पूछा गया कि क्या सचिन पायलट अपना पाला पलट लेंगे तो उन्होंने कहा, जिसने (sachin pilot) पांच साल मेहनत की उसे मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, जो दिल्ली में थे (ashok gehlot) उन्हें सीएम बना दिया गया। कांग्रेस की अंतर्कलह पहले दिन से ही शुरू हो गई थी।

बहरहाल देखना यह है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस संकट का कोई हल निकाल पायेगा या अपनी एक और सरकार गंवाएगा| देखने वाली बात यह भी होगी कि कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश सरकार गंवाने वाली कांग्रेस ने कुछ सबक सीखा या नहीं| वैसे कांग्रेस को अब एक बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि ऊपर से थोपी गयी लीडरशिप को अब लोकल लीडरशिप बर्दाश्त नहीं करेगी| भाजपा नेता की इस बात में काफी दम है कि पांच साल पार्टी को सत्ता के करीब पहुँचाया किसी ने और कुर्सी मिल गयी किसी और को|