गुजरात दंगों पर बानी डॉक्यूमेंट्री से पैदा विवाद के बीच BBC के दिल्ली और मुंबई में दफ्तर में आयकर विभाग की छापेमारी चल रही है. दोनों ही जगह आयकर टीम का सर्वे अभी भी जारी है. आईटी विभाग के इस सर्वे की एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने आलोचना की है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बयान जारी कर अपनी चिंता जाहिर की है. जानकारी के अनुसार, जांच के दौरान बीबीसी के दफ्तर में मौजूद सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं. अकाउंट ऑफिस में रखे कम्प्यूटर का डेटा खंगाला जा रहा है. इसके साथ ही किसी भी कर्मचारी को दफ्तर से बाहर जाने की इजाजत नहीं है.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बयान में कहा है कि वो बीबीसी इंडिया के दफ्तरों में इनकम टैक्स के सर्वे को लेकर बेहद चिंतित है. खबरों के अनुसार, नई दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों में आईटी विभाग की टीम के द्वारा सर्वे चलाया जा रहा है.

इसमें आगे कहा गया है कि ये तब हुआ है जब हाल ही में बीबीसी ने 2002 के गुजरात दंगों और वर्तमान में भारत में अल्पसंख्यकों के हालात पर 2 डॉक्यूमेंट्रीज रिलीज की हैं. सरकार ने बीबीसी पर गुजरात की गलत और पूर्वाग्रहों से ग्रसित रिपोर्ट करने का आरोप लगाया और भारत में डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगा दी.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ये भी कहा कि सरकार की नीतियों या सत्ताधारी दल की आलोचना करने वाले प्रेस संस्थानों के खिलाफ सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल उन्हें डराने या परेशान करने के लिए किया जाता है. आईटी सर्वे भी उसी का हिस्सा है. सितंबर 2021 में भी न्यूजक्लिक और न्यूजलॉन्ड्री के दफ्तरों पर भी इसी तरह आईटी सर्वे किया गया था. जून 2021 में दैनिक भास्कर और भारत समाचार के खिलाफ आईटी सर्वे किया गया. फरवरी 2021 में ईडी ने न्यूजक्लिक के दफ्तर पर छापा मारा.

बयान में आगे लिखा है कि इस तरह का ट्रेंड लोकतंत्र को कमजोर करता है. गिल्ड की मांग है कि इस तरह की जांच में बेहद सावधानी और संवेदनशीलता दिखाई जाए जिससे पत्रकारिता और मीडिया संस्थानों के अधिकारों को दबाया न जा सके. गिल्ड अपनी पहली की मांग को भी दोहराता है, जिसमें कहा गया था कि इस तरह की जांच नियतों के तहत हों और इसका मकसद स्वतंत्र मीडिया को दबाना या डराना नहीं होना चाहिए.