अदनान
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने राजद्रोह कानून पर आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गयी उस टिप्पणी का स्वागत किया है जिसमें उच्चतम न्यायालय ने राजद्रोह कानून के दुरूपयोग और उसे ख़त्म करने की बात कही है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर चल रही सुनवाई पर आयी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि उच्चतम न्यायालय की इस टिप्पणी का हम स्वागत करते हैं।

गौरतलब है कि राजद्रोह कानून के दुरूपयोग पर चिंता जताते हुए उच्चतम न्यायालय ने इसे औपनिवेशिक करार देते हुए केंद्र सरकार से सवाल किया कि इसे सरकार हटा क्यों नहीं देती। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह देश में आजादी के आंदोलन को कुचलने के लिए अंग्रेजों की ओर से बनाया गया कानून था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसकी चिंता कानून के दुरुपयोग को लेकर है और उसने केंद्र से सवाल किया कि वह राजद्रोह पर औपनिवेशिक काल के कानून को समाप्त क्यों नहीं कर रहा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजद्रोह कानून का इस्तेमाल अंग्रेजों ने स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने के लिए किया था। असहमति की आवाज को चुप करने के लिए किया था। अदालत ने कहा कि महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक पर भी ये धारा लगाई गई, क्या सरकार आजादी के 75 साल भी इस कानून को बनाए रखना चाहती है?

चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने राजद्रोह कानून के बने रहने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस कानून का मकसद स्वतंत्रता संग्राम को दबाना था, जिसका इस्तेमाल अंग्रेजों ने महात्मा गांधी और अन्य को चुप कराने के लिए किया था।