लखनऊ ब्यूरो
आसिफी मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद उलेमा, खुतबा, शायरों और लखनऊ के शियों ने दुश्मने इस्लाम और रसूले ख़ुदा हज़रत मुहम्मद साहब की शान में गुस्ताख़ी के मुजरिम वसीम रिज़वी के खिलाफ विरोध प्रर्दशन किया। प्रर्दशन में लखनऊ के उलेमा,ज़ाकिरीन,शायर और बडी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

प्रदर्शनकारियों ने इस्लाम विरोधी ताकतों के एजेंट वसीम रिज़वी के माध्यम से कुराने मजीद और पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब का अपमान करने पर कड़ा विरोध प्रर्दशन किया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से उसकी गिरफ्तारी और कडी सजा की मांग की।

उलेमा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है कि वसीम रिज़वी अपने राजनीतिक लाभ और सस्ती प्रसिद्धि के लिए इस्लाम और पवित्र हस्तियों के ख़िलाफ लगातार ज़हर उगल रहा है और कुराने मजीद और पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब को अपमानित कर रहा है। निंदनीय है कि सरकार और प्रशासन की तरफ से उसके ख़िलाफ अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।

उलेमा ने कहा कि हमारा संविधान किसी भी धर्म या संप्रदाय की पवित्रता को अपवित्र करने और पवित्र धार्मिक हस्तियों का अपमान करने की अनुमति नहीं देता है। यदि ऐसे बदमाशों और शरारती तत्वों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई नहीं की गई, तो हमारे देश की अखंडता और शांति खतरे में पड़ जाएगी। इसलिये हम मांग करते है कि वसीम रिज़वी और उसके साथियों के खि़लाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि मुसलमानों का भारत के संविधान पर विश्वास क़़ायम रहे।

इस अवसर पर उलेमा एंव विद्वानों ने पांच सूत्रीय सर्वसम्मति ज्ञापन भी प्रस्तुत किया जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा जायेगा।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मौलाना रज़ा हैदर ज़ैदी ने कहा,जब तक मलऊन वसीम को सज़ा नहीं मिल जाती तब तक हम चुप नहीं रहेंगे। मौलाना रज़ा हैदर ने इमामे जुमा मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी का विरोध संदेश पढ़ कर सुनाया जिस में कहा गया था कि मुसलमान अपने जज़्बात पर क़ाबू रखे और उनके भड़कावे में ना आये। शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करें और स्थानीय प्रशासन व सरकार को ज्ञापन भेजें। साथ ही विभिन्न संस्थाओं, संगठनों और अंजुमन-हाय-मातमी वसीम मुर्तद के खिलाफ स्थानीय पुलिस थानों में एफ.आई.आर दर्ज कराने का प्रयास करें।

मौलाना सै० मुहम्मद मियाँ आब्दी क़ुम्मी ने अपने भाषण में वसीम मुर्तद के बयान की निंदा की और कहा कि अगर सरकार ’सबका साथ और सबका विकास’ चाहती है तो फिर उसे चाहिए कि मुसलमानों की आस्था और भावनाओं के साथ खिलवाड़ ना करें। हमें इस विकास की ज़रूरत नहीं हैं जिसमें पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब का अपमान किया जाये। उन्होंने सरकार और प्रशासन से वसीम की गिरफ्तारी और सज़ा की मांग की।

मौलाना सफी हैदर महासचिव तंजीमुल मकातिब लखनऊ ने अपनी तक़रीर में कहा कि वसीम जैसो के अपमानजनक बयानों से पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब की शान कम नहीं होती। हम सरकार के सभी लीडरों और उन लोगों से गुज़ारिश करते है जो पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब की महानता को नहीं समझ सके है कि वो एक बार क़ुराने करीम और पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब की सीरत को तअसुब और हसद का चश्मा उतार अध्ययन करें ताकि वे सच्चाई जान सकें।

मौलाना अख़्तर अब्बास जौन ने कहा कि सरकार की नीतियों के खि़लाफ पूरे भारत में प्रदर्शन हो रहे हैं लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। पूरा देश बेरोज़गारी और अन्य समस्याओं से जूझ रहा है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब का अपमान करे तो विरोध प्रदर्शन का क्या फायदा होगा? क्योंकि सरकार किसी विरोध की आवाज़ सुनना नहीं चाहती। हम सरकार और प्रशासन से अपील करते हैं कि ऐसे लोगों पर क़ाबू पाया जाये और उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दें।

जाने-माने खतीब मौलाना अब्बास इरशाद नक़वी ने वसीम मुर्तद और उनके समर्थकों की कड़े शब्दों में निंदा की और पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब का अपमान करने वालों के खि़लाफ सख़्त कार्रवाई की मांग की।

विरोध प्रदर्शन में मौलाना मुमताज़ जाफर, मौलाना रज़ा हुसैन रिज़वी, मौलाना हबीब हैदर आबिदी, मौलाना हसनैन बाक़री, मौलाना नज़र अब्बास, मौलाना अक़ील अब्बास, मौलाना सईदुल हसन नक़वी, मौलाना ज़व्वार हुसैन, मौलाना तनवीर अब्बास, मौलाना मुनव्वर अब्बास, मौलाना शमसुल हसन मदरसा नाज़िमिया, मौलाना शाहनवाज़ हुसैन मदरसा सुल्तानुल मदारिस, मौलाना इस्ताफ़ा रज़ा, मौलाना नक़ी अस्करी, मौलाना सज्जाद हैदर आबिदी, मौलाना सक़लैन हैदर, मौलाना मुहम्मद वासी ,मौलाना आग़ा मेहदी, मौलाना सग़ीर हुसैन तंजीमुल मकातिब, मौलाना मुहम्मद इस्हाक़ कश्मीरी, मौलाना अली हाशिम आब्दी, मौलाना क़ुरबान अली, मौलाना मुशाहिद आलम रिज़वी, मौलाना मुहम्मद हसन,मौलाना मूसा रज़ा अल मुअम्मल फाउंडेशन, मौलाना एहतेशमुल हसन अल मुअम्मल फाउंडेशन और और अन्य उलेमा, ज़ाकरीन और बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस मौक़े पर उलेमा ने सर्वसम्मति से पांच सूत्री ज्ञापन भी प्रस्तुत किया जिसे मौलाना हैदर अब्बास रिज़वी ने प्रदर्शनकारियों के सामने पढ़कर सुनाया।