टीम इंस्टेंटखबर
कुछ दिनों पहले की बात है लखीमपुर जिले के पसगवां ब्लॉक में पंचायत चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी की ओर से ब्लॉक प्रमुख पद की उम्मीदवार रही रितु सिंह भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसा और सरे आम अपमान का शिकार हुई थीं. रितु सिंह को लेकर सड़क और सोशल मीडिया पर भाजपा के खिलाफ काफी हंगामा हुआ था, वही रितु सिंह कल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गयी. प्रियंका गाँधी ने उनके घर जाकर उनसे मुलाकात की और बाद में लखनऊ आकर वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हुईं। कांग्रेस अब उन्हें एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहती।

पार्टी में शामिल होने के बाद रितु सिंह ने कहा कि केवल प्रियंका गांधी वाड्रा ही महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न पर खड़ी नजर आती हैं। जबकि समाजवादी पार्टी ऐसी जगह दूर-दूर तक नजर नहीं आती। इसलिए वो कांग्रेस के साथ खड़ी हैं क्योंकि जब उनके साथ कोई नहीं था तब प्रियंका उनके सम्मान के लिए खड़ी थी, ये बड़ी बात है।

पसगवां ब्लॉक परिसर में आठ जुलाई को ब्लॉक प्रमुख नामांकन के दौरान सपा समर्थित महिला प्रत्याशी रितु सिंह और उनकी प्रस्तावक से पुलिस के सामने बदसलूकी की गई थी। रितु ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर आरओ के कक्ष में नामांकन पत्र फाड़ने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि भाजपा की सांसद रेखा वर्मा और पुलिस की मौजूदगी में उन दोनों के साथ बदसलूकी की गई थी।

इस बीच रितु सिंह के साथ में मौजूद सपा नेता क्रांति सिंह को कुछ लोग पकड़कर बाहर ले गए, जबकि तमाम अन्य लोग वहां मौजूद थे। सपा समर्थित प्रत्याशी रितु सिंह को नामांकन कक्ष में जाने से रोकने के लिए उनसे मारपीट और छीना झपटी की गई थी। पंचायत चुनाव में हिंसा का शिकार होने के बाद प्रियंका गांधी उनसे मिलने लखीमपुर पहुंची थी।

माना जा रहा है कि रितु सिंह इस वक्त कांग्रेस के लिए ट्रंपकार्ड साबित हो सकती हैं। क्योंकि महिला संगठन को धार देने के लिए कांग्रेस के पास कोई चेहरा नहीं है। अब कांग्रेस को रितु सिंह के आ जाने के बाद नई दिशा नजर आ रही है। आगामी चुनावों में रितु सिंह को महिलाओं के उत्पीड़न और अत्याचार के खिलाफ हथियार के रूप में प्रयोग कर सकती हैं।