प्रयागराज: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जी आज प्रयागराज पहुंचकर प्रशासन द्वारा निषाद समुदाय की जीविका के साधन नावें- जो पूरी तरह तोड़कर नष्ट कर दी गयी थीं, पीड़ित निषाद समुदाय के गांव में पहुंचीं और उनका दुख-दर्द जाना। कांग्रेस महासचिव पुलिस प्रशासन द्वारा निषाद समुदाय की महिलाओं और बच्चों के साथ किये गये क्रूर व्यवहार पर प्रयागराज पहुंची।

बंसवार गांव पहुंचकर पीड़ित महिलाओं से मिलकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं आपकी समस्याओं और दुःख को समझने के लिए यहां आयी हूं। पिछले साल जब गंगा यात्रा में मैं गयी थी आप मेरे साथ थे। इन्होने मुझे बताया कि किस तरह से पहले पट्टे मिलते थे आपका अधिकार होता था और आपको कुछ चीजों की छूट थी। छूट इसलिए दी गयी थी क्योंकि उस समय की सरकार यह समझती थी कि आपके अधिकार क्या हैं। वह यह बात समझती थी और पूरी दुनिया इस समय समझ रही है जो पर्यावरण है, नदिया हैं, जंगल है जो उसके आसपास रहते हैं उनकी कमाई उसी से है वह उसकी हानि कभी नहीं कर सकते।

उन्होंने पीड़ितों से बात करते हुए कहा कि लेकिन जो बड़े-बड़े उद्योगपति हैं, ठेकेदार हैं उनका जीवन तो नदी, जंगल से जुड़ा नहीं होता और तब जो वह व्यापार करते हैं उनको कोई मतलब नहीं होता कि नदी की हानि हो रही है, जंगलों की हानि हो रही है। यह समझ आप में है। क्योंकि आप पुश्तों से यह काम कर रहे हैं और इसी काम पर आपका जीवन निर्भर है इस काम के बिना आपका जीवन मुश्किल है। तो यह बात जब सरकार समझती है तो ऐसे नियम कानून नीतियां क्यों नहीं बनाती जिससे आपका भला हो, नदी का भला हो।

उन्होंने कहा कि आज की सरकार आपके लिए नहीं चल रही है। अलग-अलग माफियाओं के लिए चल रही है। उन्होंने कहा कि आपने सुना होगा कि किसानों का आंदोलन चल रहा है। उनकी समस्याओं को भी सरकार नहीं समझ रही है।

उन्होंने कहा कि मैं आपकी पीड़ा समझ सकती हूं। सरकार, पुलिस प्रशासन को शर्म आनी चाहिए। जिस तरह से मैंने वीडियो देखा कि किस तरह आपके बच्चों को मारा गया। हम इस मुद्दे को उठायेंगे। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि आप की नाव तोड़ी है इस मुद्दे को हम उठायेंगे। पूरी तरह से आपकी लड़ाई लड़ेंगे। यह आपकी बहादुरी है।आपने बहुत मदद की है इस सरकार की। आपके वोट से यह सरकार बनी है। लेकिन भूल गये हैं मैं बार बार कहती हूं जो नेता हैं जब वह भूल गए हों कि उन्हें सत्ता किसने दी है तो वह भटकने लगता है इनको समझ में आया है कि बनाने वाले आप है, आपने इनको सत्ता किस लिए दी है, आपके लिए इन्हे काम करना चाहिए।

प्रियंका गांधी दो किलोमीटर पैदल चलकर निषाद समुदाय की महिलाओं और कार्यकर्ताओं के साथ घटनास्थल पहुंची। जहां पर निषादों की नावों को पुलिस प्रशासन ने तोड़ा था।