नई दिल्ली: देश में निजी ट्रेनों का परिचालन अप्रैल 2023 तक शुरू हो जाएगा। इन ट्रेनों का किराया फ्लाइट्स और एसी बसों की तुलना में होगा। इस बात की जानकारी गुरुवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने दी है। यादव ने कहा है कि यात्री ट्रेनों के संचालन में निजी कंपनियों के एंट्री से ट्रेनों के परिचालन को ज्यादा गति और कोच को तकनीकी बल मिलेगा।

वीके यादव ने यह भी कहा कि कोच को चार हजार किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद मेंटेनेंस की जरूरत होती है जो कि इसके बाद 40 हजार किलोमीटर के बाद जरूरत होगी। इसकी जरूरत महीने में एक या दो बार होगी। हालांकि, रेलवे ने कहा है कि 95 फीसदी ट्रेनें भारतीय रेल द्वारा चलाई जाएगी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा कि यदि किसी भी तरह का प्रदर्शन यात्री ट्रेन संचालन में निजी कंपनियों द्वारा नहीं मिलता हैं तो उन्हें दंडित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हर लोकोमोटिव में एक बिजली मीटर होगा और निजी ऑपरेटर ऊर्जा खपत की वास्तविक राशि का भुगतान करेंगे। साथ ही उन्हें अपनी ऊर्जा की खपत कम रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

रेलवे बोर्ड की तरफ से कही गई इन बातों से ठीक एक दिन पहले भारतीय रेलवे ने 109 जोड़ी निजी ट्रेनों के परिचालन में निजी भागीदारी को लेकर योग्यता प्रमाणित करने का अवसर पाने के लिए आवेदन आमंत्रित किया था। इसने बुधवार को कहा था कि वह निजी संस्थाओं को यात्री ट्रेनों के परिचालन की अनुमति देने की योजना बना रहा है और इस परियोजना में निजी क्षेत्र का निवेश लगभग 30,000 करोड़ रुपये का होगा।