दोबारा जांच में हुआ खुलासा, डीएम ने लाइसेंस रद्द करने की भेजी संस्तुति


मेरठ: पैथोलॉजी लैबों में बड़ा गोरखधंधा चलता है यह बातें तो सुनने में आती थीं मगर कोरोना संकट काल में भी यह अपना गोरखधंधा चालू रखेंगी ऐसा किसी ने सोचा भी नहीं होगा लेकिन मेरठ शहर जिसे अब यूपी का वुहान कहा जाने लगा है एक पैथोलॉजी लैब की घिनावनी हरकत सामने आयी है जिसने कोरोना मामलों की जांच में घोर लापरवाई कर लोगों की जान से खिलवाड़ किया है |

पता चला है कि मेरठ शहर की मॉडर्न पैथोलॉजी लैब में कोविड 19 की जांच में बड़े पैमाने पर ग़लत रिपोर्ट बनाई गयी हैं। बीते दो दिनों में इस लैब ने आठ लोगों के सैंपल जांचने के बाद उनको कोरोना पॉजिटिव बताया लेकिन जब सरकारी लैब में इन लोगों की दोबारा जांच हुई तो छह लोग निगेटिव पाए गए। इस घटना से डीएम मेरठ हैरान भी हैं और नाराज़ भी, लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले इस पैथोलॉजी लैब का लाइसेंस निरस्त करने की उन्होंने शासन को संस्तुति भेज दी है।

मॉडर्न पैथोलॉजी लैब गुरुग्राम की कंपनी है और मेरठ के रानी मिल और बागपत रोड पर इसके दो सेंटर हैं। इस लैब में हर जांच के लिए 3800 रुपये लिए जाते थे। सीएमओ डॉक्टर राजकुमार ने बताया कि मॉडर्न लैब से अब तक 1253 सैंपल की जांच हुई है। इनमें से 24 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 

कुछ दिन पहले एक महिला के सैंपल की जांच की गई तो वह निगेटिव आई, जबकि इस लैब ने उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव दी थी। फर्जीवाड़े के शक में माॅर्डन लैब के आठ सैंपल की जांच 24 मई को मेडिकल की बायोलॉजी माइक्रो बायोलॉजी लैब में कराई गई तो इनमें से छह सैंपल निगेटिव मिले, जबकि निजी लैब में यह सभी सैंपल 21 मई को पॉजिटिव आए थे। इस खुलासे के बाद मॉडर्न पैथॉलॉजी लैब में अब तक हुए 1253 सैंपल की जांच शक के दायरे में आ गयी है|