तेहरान: विश्व के कैथोलिक ईसाईयों के धर्मगुरू पोप फ़्रांसिस का कहना है कि शिया मुसलमानों के धर्मगुरू आयतुल्ला सीस्तानी के व्यवहार ने उनको बहुत अधिक प्रभावित किया। पोप फ़्रांसिस ने कहा कि आयतुल्लाह सैयद अली सीस्तानी के मधुर व्यवहार और उनकी बातों ने मुझको बहुत प्रभावित किया। उनका कहना था कि आयतुल्लाह सीस्तानी ने मुझको बहुत सम्मान दिया जो मेरे लिए बहुत खुशी की बात है।

पोप फ़्रांसिस ने कहा कि आयतुल्लाह सीस्तानी की इस बात ने मुझको बहुत प्रभावित किया कि वे मेरे स्वागत के लिए स्वंय उठकर आए और इसी प्रकार से विदाई के लिए भी वे उठकर चले। उन्होंने कहा कि आयतुल्ला सीस्तानी ने मुझसे कहा कि पिछले दस वर्षों से मैं उन लोगों से भेंट नहीं कर रहा हूं जो राजनैतिक उद्देश्य लिए होते है। आयतुल्लाह ने कहा कि मैं केवल उन लोगों से भी भेंट करता हूं जो धार्मिक उद्देश्य वाले होते हैं।

याद रहे कि इराक़ की यात्रा पर जाने से पहले एक वीडियो संदेश में पोप ने कहा कि मैं शांति के संदेश वाले एक तीर्थयात्री के रूप में इराक़ की यात्रा पर जा रहा हूं। मेरा मक़सद शांति और भाईचारे का संदेश देना है।

पोप फ़्रांसिस ने आयतुल्लाह सीस्तानी के बारे में यह बातें, इराक़ के राष्ट्रपति बरहम सालेह को भेजे अपने संदेश में कहीं। उन्होंने यह संदेश इराक़ से वैटिकन वापसी के रास्ते में विमान से इराक़ी राष्ट्रपति को भेजा। अपने संदेश में पोप फ़्रांसिस ने लिखा है कि मैं इराक़ के राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मेरी यात्रा के दौरान मेरी मेज़बानी की। उन्होंने इराक़ के राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए कहा है कि मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि शांति और एकता की छाया में आपका देश फूले-फले।

उल्लेखनीय है कि संसार के कैथोलिक ईसाईयों के धार्मिक नेता पोप फ़्रांसिस शुक्रवार को इराक़ की राजधानी बग़दाद पहुंचे थे। इराक़ की अपनी पहली यात्रा पर पहुंचे पोप फ़्रांसिस का बग़दाद एटरपोर्ट पर इराक़ी प्रधानमंत्री सहित इस देश के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका शानदार स्वागत किया। अपनी तीन दिवसीय इराक़ यात्रा के दौरान पोप फ़्रांसिस ने बग़दाद के अलावा, नजफ़, अरबील, मूसिल और नासेरिया का दौरा किया।