नई दिल्ली: PMO ने पीएम केयर्स फंड की जानकारी देने से यह कहकर इंकार कर दिया है कि यह ‘पब्लिक अथॉरिटी’ नहीं है। बता दें कि आरटीआई एक्ट, 2005 के तहत यह जानकारी मांगी गई थी। यह आरटीआई एक अप्रैल को हर्ष कांदुकुरी द्वारा दायर की गई थी। जिसमें ‘पीएम केयर्स फंड’ के गठन और ऑपरेशन को लेकर जानकारी मांगी गई थी।
आरटीआई के तहत पीएम केयर्स फंड की ट्रस्ट डीड, सभी सरकारी आदेश की कॉपी, नोटिफिकेशन और सर्कुलर संबंधी भी जानकारी मांगी गई थी। हर्ष की इस आरटीआई पर 29 मई को पीएमओ के पब्लिक इंफोर्मेशन अधिकारी ने यह कहकर खारिज कर दिया है कि “पीएम केयर्स फंड पब्लिक अथॉरिटी नहीं है। हालांकि पीएम केयर्स फंड के बारे में उसकी वेबसाइट से जानकारी ली जा सकती है।”
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम केयर्स फंड की वेबसाइट पर ट्रस्ट डीड, सरकारी आदेश, नोटिफिकेशन आदि की कोई जानकारी नहीं दी गई है। वहीं आरटीआई दाखिल करने वाले हर्ष का कहना है कि “पीएम केयर्स फंड का पब्लिक अथॉरिटी नहीं होने से पता चलता है कि इसे सरकार द्वारा कंट्रोल नहीं किया जा रहा है। ऐसे में इसे कौन कंट्रोल कर रहा है? नाम, ट्रस्ट का गठन आदि से लगता है कि यह पब्लिक अथॉरिटी है। ऐसे में यहां पारदर्शिता की साफ कमी दिखाई दे रही है।”
हर्ष ने कहा कि “हमें इस बात के लिए भी चिंतित होना चाहिए कि फंड का इस्तेमाल कैसे हो रहा है। कौन इसे लेकर फैसले ले रहा है, इसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि यह सुनिश्चित कैसे होगा कि फंड का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। एक ट्रस्ट जिसे 4 कैबिनेट मंत्रियों और उनके ऑफिस के अधिकारियों द्वारा चलाया जा रहा है, उसे पब्लिक अथॉरिटी का स्टेटस नहीं मिलना पारदर्शिता के लिए बड़ा झटका है।”
बता दें कि पब्लिक अथॉरिटी में वो संस्थान या निकाय आते हैं, जिनका गठन खुद सरकार करती है या फिर वह संविधान या संसद के कानून द्वारा या फिर विधानसभा के किसी कानून द्वारा गठित किए जाते हैं।
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