टीम इंस्टेंटखबर
संयुक्त राष्ट्र महासभाको संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि जो भी आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें भी समझना होगा कि यह उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है.

मोदी ने कहा, ”रिग्रेसिव थिंकिंग के साथ जो देश आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है.” साथ ही अफगानिस्तान मुद्दे पर भी पीएम मोदी ने अपनी बात रखी, उन्होंने कहा, ”यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए न किया जाए. हमें इसके लिए भी सतर्क रहने की जरूरत है कि वहां की नाजुक स्थितियों का कोई भी देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश न करे.”

पीएम मोदी ने कहा कि इस समय अफगानिस्तान की जनता, महिलाओं, माइनॉरिटीज आदि को मदद की आवश्यकता है और हमें अपना दायित्व निभाना होगा.

उन्होंने यूएनजीए को संबोधित करते हुए कहा, ”कोविन प्लेटफॉर्म एक ही दिन में करोड़ों वैक्सीन डोज लगाने के लिए अपना डिजिटल सपोर्ट दे रहा है. सेवा परमो धर्म: के साथ भारत सीमित संसाधनों के बाद भी वैक्सीन बनाने में जी जान से लगा हुआ है. भारत ने पहली डीएनए आधारित वैक्सीन का भी निर्माण कर लिया है, जिसे 12 साल से अधिक उम्र वालों को लगाया जा सकता है. इसके साथ ही एक mRNA वैक्सीन अपने डेवलपमेंट के आखिरी फेज में है. भारत के वैज्ञानिक कोरोना की एक नेजल वैक्सीन को बनाने में भी लगे हुए हैं.”

पीएम मोदी ने कहा कि मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जिसे mother of democracy का गौरव हासिल है. लोकतंत्र की हमारी हजारों वर्षों की महान परंपरा ने इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश में प्रवेश किया. हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है. एक ऐसा देश जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अलग-अलग रहन-सहन, खानपान हैं. ये Vibrant Democracy का बेहतरीन उदाहरण है.

गौरतलब है कि अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कल हर हाल में डेमोक्रेसी की बहाली की बात कही थी, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह अपरोक्ष रूप से प्रधानमंत्री मोदी पर हमला है.

पर्यावरण की बढ़ती समस्या पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रदूषित पानी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या है. इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए हम पूरे भारत में 17 करोड़ से अधिक घरों को स्वच्छ, पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ा अभियान चला रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व के सामने प्रतिगामी सोच और अतिवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है. इन परिस्थितियों में, पूरे विश्व को (विज्ञान आधारित), तर्कसंगत और प्रगतिशील सोच को विकास का आधार बनाना ही होगा.