पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए वित्त वर्ष 2022 में सब्सक्राइबर्स को गारंटीशुदा रिटर्न वाली पेंशन स्‍कीम लाने वाला है. इसे नेशनल पेंशन सिस्‍टम (एनपीएस) के तहत लाया जाएगा. रेगुलेटर मार्च तक प्रोडक्‍ट को अंतिम रूप दे सकता है. पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि न्यूनतम गारंटीशुदा रिटर्न वाले प्रोडक्ट को लेकर पिछले साल बातचीत हुई थी. एनपीएस बाजार से जुड़ा उत्पाद है और इसने पिछले 10 साल में लगभग 10 फीसदी रिटर्न दिया है.

वर्तमान में, एनपीएस के तहत आने वाली स्कीम में रिटर्न या लाभ की गारंटी नहीं होती है, क्योंकि वे मार्केट डिटरमाइंड होती हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पिछले 11-12 साल में औसत सालाना रिटर्न लगभग 10 फीसदी रहा है. पिछले एक साल के दौरान भी रिटर्न लगभग 9-10 फीसदी रहा है.

बंदोपाध्याय ने कहा कि हमारी कोशिश है कि बड़ी संख्या में लोग पेंशन के दायरे में आएं जो अभी नहीं है. छोटे कारोबारियों और असंगठित क्षेत्र के लिए खासतौा से यह जरूरी है. हम देख रहे हैं कि क्या हम उन्हें एनपीएस या अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के दायरे में ला सकते हैं.

उन्होंने कहा कि नियामक जल्द ही एक समिति गठित करेगा. हम इस वित्त वर्ष में प्रोडक्ट तैयार करेंगे और उसे निदेशक मंडल के सामने रखेंगे. अगले 6 महीने में आपको ऐसा प्रोडक्ट देखने को मिल सकता है. उन्होंने बताया कि बीमा क्षेत्र में जो भी गारंटी वाले उत्पाद थे, उन्हें धीरे-धीरे वापस ले लिया गया, क्योंकि यह महसूस किया गया कि लंबी अवधि तक इसे बनाये रखना संगठनों के लिए व्यावहारिक नहीं है.

बंदोपाध्याय ने कहा कि गारंटीशुदा उत्पाद की पेशकश हमारे कानून का हिस्सा है. जैसे ही आप गारंटी वाला उत्पाद देते हैं, फंड मैनेजर्स के लिये पूंजी पर्याप्तता जरूरत बढ़ जाती है. फिलहाल हम जो कर रहे हैं, उसमें उत्पाद ‘मार्क टू मार्केट’ आधार पर है. हम निवेश को लेकर कोई जोखिम नहीं ले रहे.