लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में पिछले 04 वर्षाें में उत्तर प्रदेश के ओवर ऑल पर्सेप्शन को बदल दिया है। प्रदेश के बारे में देश व दुनिया में एक सकारात्मक माहौल देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पूर्ववर्ती व्यवस्था में रिफॉर्म करके, परफॉर्म करते हुए ट्रांसफॉर्म किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था जो पहले 5वें-6वें स्थान पर थी आज दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरी है। प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर, लोककल्याण, एम0एस0एम0ई0 व कृषि के क्षेत्र में हुए सार्थक कार्याें का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य से एक समर्थ व सक्षम राज्य बन गया है।

मुख्यमंत्री आज यहां लोकभवन में राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निवेश का बेहतर वातावरण वर्तमान सरकार ने तैयार किया है। वर्ष 2015-16 में उत्तर प्रदेश ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के मामले में देश में 14वें स्थान पर था, जो आज सरकार की नीतियों से दूसरे स्थान पर आ गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में टीम वर्क के माध्यम से जो प्रयास हुए हैं, उससे नये भारत का नया उत्तर प्रदेश बन रहा है। 04 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश का केन्द्र की किसी योजना में स्थान नहीं होता था और आज केन्द्र सरकार की अनेक योजनाओं में प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं ग्रामीण में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत प्रदेश में 02 करोड़ 61 लाख शौचालय बनवाये गये हैं। इसी तरह उज्ज्वला, सौभाग्य, उजाला, पी0एम0 किसान सम्मान निधि में भी उत्तर प्रदेश ने बेहतर कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में भी प्रदेश ने बेहतर प्रदर्शन किया है। पूर्ववर्ती सरकारों में किसान राजनीति का एजेण्डा नहीं होता था। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसान को राजनीति का मुख्य केन्द्र बिन्दु बनाया। मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसी योजनाएं प्रदेश में लागू हुईं, जिससे किसानों को कृषि कार्य में काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना की गयी है। प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना के अन्तर्गत दशकों से लम्बित परियोजनाओं को पूरा किया गया है। 11 लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कराया गया, जिनसे2.21 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन हुआ है, जिससे 2.33 लाख किसानों को लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से जिस कार्यपद्धति को आगे बढ़ाया गया, उसी का परिणाम है कि गन्ना किसानों को 04 वर्षाें में 01 लाख 27 हजार करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। कोरोना काल में भी प्रदेश सरकार द्वारा 119 चीनी मिलों का सफल संचालन किया गया। प्रदेश में खांडसारी उद्योग में लाइसेंस की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। इसके अन्तर्गत 266 नये लाइसेंस उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार ग्रामीण अर्थव्यवस्था है। वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक प्रदेश में बहुत से ऐसे गांव थे, जो शासन की योजनाओं से वंचित थे। वर्तमान सरकार ने ऐसे वनटांगिया ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा देते हुए इन ग्रामों के वासियों को शासन की योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत व्यवस्था को बेहतर करने का कार्य वर्तमान सरकार द्वारा किया गया है। जिला मुख्यालय में 24 घण्टे, तहसीलों को 20 से 22 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 16 से 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति हो रही है। 01 लाख 21 हजार मजरों का विद्युतीकरण कराया गया है। 01 लाख 38 हजार परिवारों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने कहा कि आवागमन की सुगम व्यवस्था के लिए सड़कों को बेहतर किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 04 वर्षाें में बेहतर कानून-व्यवस्था स्थापित की गयी। पुलिस में रिफॉर्म किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू की गयी है। प्रदेश में 59 थाने, 29 चौकियां, 04 महिला थाने, आर्थिक अपराध शाखा के 04 थाने, विजिलेन्स के 10 थाने, साइबर क्राइम के 16 थाने और अग्नि शमन केे 59 नये केन्द्रों की स्थापना की गयी है। अपराध और अपराधियों के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम रहा है कि अपराधों में कमी आयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र का तेजी से विकास हो रहा है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण, डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण, बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए लाभप्रद है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड तथा विन्ध्य क्षेत्र में हर घर नल योजना प्रारम्भ की गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निराश्रित गोआश्रय स्थलों में 5.5 लाख गोवंश संरक्षित हैं। मुख्यमंत्री निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना में निराश्रित गोवंश रखने पर किसान को प्रति गोवंश 900 रुपए प्रतिमाह का भुगतान किया जाता है। इसके तहत 04 गोवंश रखने की अनुमति है। कुपोषित बच्चों/माताओं को, स्थान उपलब्ध होने पर एक गाय देने की व्यवस्था की गयी है। इसके अन्तर्गत भी 900 रुपये प्रतिमाह धनराशि उपलब्ध करायी जाती है। उन्होंने कहा कि न्याय पंचायत स्तर पर गोआश्रय स्थल स्थापित करने की व्यवस्था की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अन्तर्गत 02 लाख से अधिक भूस्वामियों को घरौनी के कागजात उपलब्ध कराये गये हैं। वरासत अभियान के अन्तर्गत 8.87 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण किया गया है। पिछले 04 वर्षाें के दौरान प्रदेश में 03 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। इसके माध्यम से 35 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी व रोजगार प्राप्त हुआ है। परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए ओ0डी0ओ0पी0 योजना आज देश की लोकप्रिय योजना है। इससे परम्परागत उद्यम को नयी उड़ान व पहचान मिली है। इससे प्रदेश के एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिला है। ओ0डी0ओ0पी0 योजना का परिणाम है कि प्रदेश में 50 लाख से अधिक एम0एस0एम0ई0 यूनिट्स की स्थापना हुई है। 02 लाख 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक के ऋण उपलब्ध कराये गये हैं। इसके माध्यम से 01 करोड़ 80 लाख रोजगार सृजित किये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अपने संसाधनों के माध्यम से 07 नगर निगमों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। प्रयागराज कुम्भ-2019 वैश्विक मंच पर सुव्यवस्था, सुरक्षा व स्वच्छता का प्रतीक बना। इसके पीछे आदरणीय प्रधानमंत्री जी की सोच व उनका मार्गदर्शन था। उन्होंने कहा कि माँ गंगा उत्तर प्रदेश में लगभग 01 हजार कि0मी0 तक बहती है। नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत इसमें उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, जिससे गंगा नदी में डॉल्फिन दिखने लगी है। उत्तर प्रदेश में हल्दिया से वाराणसी के बीच जलमार्ग बनाया गया। कोरोना काल में इसका उपयोग प्रदेश से खाद्यान्न व सब्जी को एक्सपोर्ट करने में किया गया।