लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत साढ़े पांच वर्षाें में प्रदेश में हुए परिवर्तन सभी के सामने हैं। प्रदेश के प्रति लोगों का पर्सेप्शन बदला है। आमजनमानस के मन में एक नया विश्वास जागृत हुआ है। इस विश्वास के साथ समाज के सभी तबकों के व्यक्ति जाति, मत, मजहब, क्षेत्र तथा भाषा से ऊपर उठकर सरकार के विकास के विजन के साथ स्वयं को जोड़कर गौरव की अनुभूति करता है और अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का प्रयास कर रहा है।

मुख्यमंत्री आज विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रस्तुत अनुपूरक बजट पर चर्चा के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मार्च, 2022 में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ। लगभग 37 वर्षाें के बाद ऐसा अवसर आया, जब सत्ता में रहते हुए कोई दल पुनः पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रहा हो। लोकतंत्र में जनता का आशीर्वाद व समर्थन जनविश्वास का प्रतीक होता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का मंत्र दिया है। इसे ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार ने कार्य प्रारम्भ किये। जो कहा वह करके दिखाया, जितना किया, उतना ही जनता के सामने कहा भी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। यहां 25 करोड़ की आबादी निवास करती है। कोरोना काल खण्ड में 40 लाख प्रवासी श्रमिक तथा कामगार प्रदेश में आये। प्रदेश सरकार ने उनका स्वागत करते हुए उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान कीं। उनकी स्किल मैपिंग कराते हुए उनके अनुरूप कार्याें को देने में सफलता प्राप्त हुई। कोरोना प्रबन्धन का बेहतरीन मॉडल राज्य ने देश व दुनिया में प्रस्तुत किया। वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ लागू की। आज इसके परिणाम हमारे सामने हैं। बेहतरीन कानून-व्यवस्था के माध्यम से उत्तर प्रदेश ने देश में नजीर प्रस्तुत की है। आज सभी पर्व और त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाये जाते हैं। सभी लोग अपने को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ईज ऑफ लिविंग’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके तक पहुंचाने का कार्य किया है। विगत 05 वर्षाें में 45 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत एक-एक आवास प्रदान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में 02 करोड़ 61 लाख गरीबों को तथा शहरी क्षेत्रों में लगभग 10 लाख गरीबों को शौचालय की सुविधा प्रदान की गयी है। प्रदेश में 01 लाख 21 हजार से अधिक मजरों का विद्युतीकरण करने के साथ ही 01 करोड़ 43 लाख से अधिक गरीबों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं। 01 करोड़ 70 लाख परिवारों को रसोई गैस के निःशुल्क कनेक्शन दिये गये हैं। कोविड काल खण्ड में प्रदेश में 15 करोड़ गरीबों को डबल इंजन की सरकार ने डबल डोज राशन की सुविधा प्रतिमाह उपलब्ध करायी थी। यह सरकार के संवेदनशील चेहरे को प्रदर्शित करता है। कानून के राज तथा नागरिकों के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ सरकार ने कार्य किये। यह देश व दुनिया ने देखा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के ‘जान है जहान है’ के मंत्र को प्रदेश ने लागू किया। जीवन और जीविका को बचाने के लिए राज्य में टेस्टिंग की संख्या बढ़ायी गयी तथा प्रदेश के कारखानों, उद्योगों आदि को कोविड हेल्पडेस्क बनाकर चालू रखा गया। प्रधानमंत्री जी ने जहां बीमार वहीं उपचार की अवधारणा प्रस्तुत की। इसके लिए राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी, आशा वर्कर तथा हेल्थ वर्कर्स के माध्यम से घर-घर स्क्रीनिंग की कार्यवाही की और उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। उत्तर प्रदेश के इस मॉडल को सभी ने स्वीकारा। आज प्रदेश देश में ईज ऑफ लिविंग तथा ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में एक बेहतरीन लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अनुपूरक बजट 33 हजार 769 करोड़ 55 लाख रुपये का है। मूल बजट 06 करोड़ 15 लाख रुपये का था। प्रदेश सरकार का वर्ष 2022-23 का बजट अनुपूरक बजट को मिलाकर लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये का होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश की बड़ी आबादी के लिए बड़ी सोच के साथ सरकार कार्य कर रही है। सरकार ने बेहतरीन वित्तीय प्रबन्धन का उदाहरण प्रस्तुत किया है। आज देश में जिन राज्यों की आबादी उत्तर प्रदेश से बहुत कम है, वे घाटे का बजट प्रस्तुत करते हैं। उत्तर प्रदेश राजस्व सरप्लस स्टेट है। यह प्रदेश की उपलब्धि है। लगातार पिछले 05 वर्षाें से राज्य सरकार ने वित्तीय प्रबन्धन का कार्य किया है। कोविड-19 के बावजूद बजट में फिस्कल रिस्पॉन्सबिलिटी एण्ड बजट मैनेजमेंट एक्ट (एफ0आर0बी0एम0 एक्ट) की सीमा को कभी लांघा नहीं गया है। इस सीमा के दायरे में रहकर बजट बनाया गया है।