नई दिल्ली: देश में ऑक्सीजन की भारी कमी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज तमिलनाडु में तूतीकोरिन में स्थित वेदांता को अपने बंद ऑक्सीजन प्लांट में ऑक्सीजन बनाने की अनुमति देते दे दी है. वहीं जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, एल नागेश्वर राव और एस रवींद्र भट की पीठ ने ये स्पष्ट किया कि वेदांता को इस आदेश की आड़ में अपने कॉपर स्मेलटिंग प्लांट को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
कोई राजनीतिक रोक नहीं
शीर्ष अदालत ने कहा कि वेदांता के ऑक्सीजन प्लांट को खोलने पर कोई राजनीतिक रोक नहीं होनी चाहिए क्योंकि देश एक राष्ट्रीय संकट का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि वेदांता को अपने ऑक्सीजन प्लांट के संचालन की अनुमति देने के आदेश से इसके पक्ष में कोई इक्विटी नहीं बनेगी.
ऑक्सीजन प्लांट की गतिविधियों पर रहेगी नज़र
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन प्लांट के गतिविधियों की निगरानी के लिए जिला कलेक्टर और तूतीकोरिन के पुलिस अधीक्षक सहित एक पैनल बनाने के लिए कहा है. 23 अप्रैल को, शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु सरकार ये सवाल किया था कि देश में ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग मर रहे हैं, ऐसे में तमिलनाडु सरकार तूतिकोरिन में वेदांता की स्टरलाइट कॉपर यूनिट का इस्तेमाल ऑक्सीजन प्लांट लगाने में क्यों नहीं कर सकती. मालूम हो कि वेदांत कॉपर प्लांट प्रदूषण के बढ़ने के कारण मई 2018 से बंद है.
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