मुजफ्फरनगर: कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को कहा कि पूरा देश नहीं पूरी दुनिया देख रही है। पुरानी कहानियों में अहंकारी राजा होता था, हमारे प्रधानमंत्री जी भी अहंकारी राजा बन गए हैं। जो जवान इस देश की सीमा की सुरक्षा पर तैनात है वो उस किसान का बेटा है। उनका सम्मान होना चाहिए। वो (पीएम मोदी) बताएं कि ये कानून किसान से पूछकर बनाया गया।

किसान से लूट, दो पूंजीपति मित्रो को छूट
प्रियंका वाड्रा ने बघरा में किसान पंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज किसान से लूट हो रही है और पीएम के दो पूंजीपति मित्रो को छूट दी गयी है। 90 दिनों से लाखों किसान इस देश की राजधानी दिल्ली के बाहर बैठे हुए है, संघर्ष कर रहे है आंदोलन कर रहे है। 215 किसान शहीद हुए। बिजली काटी गयी,पानी रोका गया,उन्हे मारा पीटा गया। वे शांति के साथ बैठे थे। देश की राजधानी की सीमा को इस तरह से बनाया गया जैसे देश की सीमा हो और तमाम पुलिस फोर्स लगायी गयी। किसानों को प्रताड़ित किया गया।

किसानों को किया अपमानित
उन्होने कहा कि किसान को अपमानित किया गया और उसे देशद्रोही और आतंकवादी कहा। प्रधानमंत्री ने किसान का मजाक उडाया और उसे परजीवी व आंदोलन जीवि कहा। इंसान की तरह देश का भी हृदय होता है उस हृदय केे धडकने से देश जीवित होता है। मेरा मानना है कि हमारे देश का हृदय उसका दिल किसान है जो जमीन से जुडा है। जमीन को सींचता है उसे उपजाऊ बनाता है। इस देश का अन्नदाता देश को जीवित करता है लेकिन आज जब चौधरी टिकैत के आंखों में आंसू आते है तो प्रधानमंत्री के होठों पर मुस्कुराहट आती है उन्हे मजाक सूझता है।

गन्ने का भुगतान अबतक नहीं
कांग्रेसी नेता ने कहा “ प्रधानमंत्री ने हर चुनाव में यह वादा किया था कि गन्ने का भुगतान आपको दिया जायेगा । किसान को गन्ने का भुगतान अब तक नहीं मिला। सरकार कहती है कि किसान की आमदनी दुगनी होगी लेकिन नहीं हुई। पूरे देश में गन्ने का बकाया भुगतान 15 हजार करोड रूपये है जबकि दुनिया की सैर के लिये प्रधानमंत्री ने दो हवाई जहाज खरीदे और उनकी कीमत 16 हजार करोड रूपये है। आपके गन्ने के भुगतान से ज्यादा उनके हवाई जहाज की कीमत है उनके पास उन्हे खरीदने के लिए पैसे है लेकिन किसान के गन्ना भुगतान के पैसे नहीं है। ये स्थिति आज देश की है।”

आप डटे रहे तो सरकार को पीछे हटना पड़ेगा
प्रियंका ने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जिक्र करते हुए किसान पंचायत में कहा कि आपने संघर्ष किया था तो मेरे पिता जी राजीव गांधी ने आपकी बातें मानी थीं. मेरे पिता जी ने आपको सम्मान दिया. मैं भी खुद्दार हूं, मैं ग़द्दारी नहीं करूंगी. मैं राजनीति के लिए मुंह दिखाने के लिए नहीं आई. मैं बार बार आती रहूंगी. हम आपके साथ संघर्ष करेंगे. आप पीछे मत हटिए. इस सरकार को पीछे हटना पड़ेगा.