टीम इंस्टेंटखबर
यूपी विधानसभा में दूसरे दिन बच्चों के स्कूल ड्रेस और उसके लिए दी जाने वाली 1100 रूपए की राशि का मुद्दा उठा. इसकी शुरूआत रामपुर खास से विधायक आराधना मिश्रा मोना ने की. उन्होंने कहा कि DBT के माध्यम से सरकार हर बच्चों को 1100 रूपए देती है. इस राशि में दो ड्रेस, जूते, मोजे और किताब-कॉपी मिल पाना बिल्कुल असंभव है. लेकिन बाद में इस मुद्दे को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी उठाया तो मामला गर्म हो गया.

पहले ड्रेस के मामले को लेकर विधायक आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि डीबीटी के माध्यम से सरकार हर बच्चों को 1100 रूपए देती है. इस राशि में दो ड्रेस, जूते, मोजे और किताब-कॉपी मिल पाना बिल्कुल असंभव है. वहीं इसके जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार 1100 रूपए केवल दो ड्रेस, दो जूते, दो मोजे और बैग के लिए देती है. इसमें किताब और कॉपी शामिल नहीं है.

लेकिन इस मुद्दे पर बहस के बीच अखिलेश यादव की एंट्र हो गई. उन्होंने कहा कि मंत्री मुझे उस दुकान के बारे में बता दें यहां 1100 रूपए में बच्चों की दो ड्रेस आ सकें. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कही बच्चों की डीबीटी बंद तो नहीं कर दी गई. सपा प्रमुख के इस सवाल का जवाब देने के लिए मंत्री सुरेश खन्ना खड़े हुए.

मंत्री ने कहा कि कि ना बंद करेंगे, ना बंद करने का कोई इरादा है. साथ ही साथ हर जिले में ऐसी सुविधा हैं. तब बीच में ही अखिलेश यादव खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि ये तो डबल इंजन की सरकार है, आपको एक हजार रूपए वाली ड्रेस बच्चों को देनी चाहिए, क्यों नहीं खरीदवार रहे आप. इस दौरान उन्होंने ड्रेस की क्वालिटी पर भी सवाल उठाया.