इंस्टेंटखबर ब्यूरो
यूपी में चुनाव क्या नज़दीक आया अचानक आबादी के विस्फोट से सरकारे चिंतित हो उठीं। जनसँख्या कंट्रोल की बातें ज़ोर शोर से उठने लगी. पहले असम और अब यूपी। लेकिन यह मुद्दा उठाने से पहले भाजपा सरकार ने शायद अपने गिरेहबान में झांककर नहीं देखा। अगर देखती तो पहले पार्टी नेताओं, विधायकों, सांसदों द्वारा मचाये गए आबादी के विस्फोट को कंट्रोल करती, फिर जनता जनार्दन से पार्टी का उदाहरण रखते हुए कहती कि हमने पार्टी में यह कारनामा कर दिया, अब आप की बारी है. मगर जो खुद करके दिखाए वह नेता ही क्या।

बात जहाँ तक यूपी की है तो बता दें कि जनसँख्या नियंत्रण कानून की पैरवी करने वाली बीजेपी के 304 विधायकों में से 152 के तीन से लेकर 8 बच्‍चे तक है. आप चाहे तो इसे यूपी सरकार की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं.

दिलचस्प बात यह है जनसँख्या नियंत्रण कानून के पैरोकारों में बीजेपी के सहयोगी ‘अपना दल’ के विधायक हरिराम भी हैं जिनके खुद के मात्र 8 बच्चे हैं. भगवान सबको कुशल रखे. 6 बच्चों वाले विधायक रत्नाकर मिश्रा भी ज्ञान देते है कि 5 बीबी और 25 बच्चों वाला ज़माना चला गया. जोश में चार बीवियों से आगे बढ़कर पांच बीवियों तक पहुँचने वाले रत्नाकर मिश्रा साहब शायद यह साबित करने की कोशिश कर रहे होंगे कि हमसे बढ़कर कोई नहीं। इनमें से एक भाजपा एमएलसी की कहानी यह है कि बेटे की चाहत में 6 लक्ष्मियाँ घर में आ गयीं। संतुष्टि नहीं हुई तो सुना है ख़्वाजा अजमेरी की दरगाह पर माथा टेका, मन्नत मांगी तो ऊपर वाले ने सुनी और पुत्र की प्राप्ति हुई, भगवान उसे सलामत रखे.

इसी तरह नानपारा विधानसभा की बीजेपी विधायक माधुरी वर्मा को 6 बेटियों के बाद अजमेर जाने के बाद पुत्र की प्राप्ति हुई, नाम भी अजमेरी वर्मा रख दिया। विधानसभा की वेबसाइट पर अगर आप जायेंगे तो 152 भाजपा विधायकों की ऐसी ही कहानियां आपको मिलेंगी और इन सबने विश्व जनसँख्या दिवस से आबादी कण्ट्रोल का झण्डा उठा रखा है.