नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने पंजाब में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी के सभी लोगों से सारे मतभेद भुलाकर एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत बताई है. मनीष तिवारी ने पंजाब में पार्टी की कांग्रेस इकाई में कलह के मुद्दे पर भी विचार जताए, हालांकि वे पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के जुड़े मसले को लेकर सीधे तौर पर बोलने से बचते रहे. तिवारी ने कहा, ‘मुझे कांग्रेस में चालीस साल हो गए. मेरा मानना है कि कांग्रेस को कोई और नहीं हराता, कांग्रेस खुद को हराती है.’ बातचीत में पंजाब के कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सीधे तौर पर राज्‍य के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह का समर्थन किया.

उन्‍होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस में हाल बिल्‍कुल ठीक है, राज्‍यमें बिजली की सस्‍या है, पावर प्‍लांट्स में दिक्‍कत आई है जिसके कारण लोगों को असुविधा हो रही है लेकिन उम्‍मीद है कि बिजली की समस्‍या सुधर जाएगी. तिवारी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने हमारे साथ अच्‍छा सलूक नहीं किया, हमारा ग्रामीण विकास फंड बंद कर दिया. उन्‍होंने कहा कि किसानों ने इस समय बड़ा आंदोलन छेड़ा है, वे सड़कों पर बैठे हैं. वे अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन सरकार चुप है .

बातचीत के दौरान मनीष तिवारी ने माना कि जमीन पर कुछ समस्‍याएं जरूर है जिनसे निपटने की कोशिश हो रही है. आपसी मतभेद को सुलझाने के लिए तीन सदस्‍यों की समिति बनाई गई है. समिति ने सब लोगों की राय जानी है. राज्‍य में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा, ‘कांग्रेसियों को कमर कसनी होगी. धर्मनिपरेक्षता को बनाए रखना है.’ क्‍या नवजोत सिद्धू को कोई सलाह देना चाहेंगे, इस सवाल पर तिवारी ने कहा, ‘मैं बिन मांगे सलाह नहीं देता, जो सलाह मांगी नहीं जाए उसका कोई महत्‍व नहीं.’