लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आनलाइन स्वरोजगार संगम कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 56 हजार 754 उद्यमियों को 2002 करोड़ 49 लाख रुपये का ऋण आॅनलाइन वितरित किया। मुख्यमंत्री ने लाॅकडाउन के दृष्टिगत लाभार्थियों की सुविधा के लिए विभागीय योजनाओं जैसे ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ को भी आनलाइन किया। उन्होंने एम0एस0एम0ई0 साथी पोर्टल एवं मोबाइल एप का शुभारम्भ भी किया।

मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि कोविड-19 से उपजे हालात का सफलतापूर्वक सामना करने के उद्देश्य से ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के अंतर्गत आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जी तथा केन्द्रीय वित्त मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा एम0एस0एम0ई0 सेक्टर हेतु 03 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। इसके माध्यम से देश व प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर सुदृढ़ होगा। देश न केवल कोविड-19 वैश्विक महामारी से उबरने में सफल होगा, बल्कि आत्मनिर्भर, स्वावलम्बी व सशक्त भारत के रूप में दुनिया में बड़ी आर्थिक शक्ति बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को आज वितरित किये गये ऋण से दो से ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने श्वेता सिन्हा, शोभा देवी, डिम्पल त्रिवेदी, अरुण प्रताप सिंह, रबजीत कौर, मीनू वर्मा, पूजा वर्मा, स्वाती जैन तथा अंजना शुक्ला को अपने हाथों से चेक प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद गौतमबुद्ध नगर के लाभार्थी मनीष कुमार तथा झांसी की उदिता गुप्ता को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इण्डिया’ को सदैव प्रोत्साहित किया है। लोकल को ग्लोबल बनाकर ही भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से ही प्रदेश में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना लागू की गयी। उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की बहुत सारी चीजें हैं, जिनमें केवल ‘लोकल’ ही नहीं बल्कि ‘ग्लोबल’ बनने की क्षमता है। हमें अपनी चीजों को समय के अनुसार नई तकनीक एवं नई डिजाइन के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि 2020 के यूनियन बजट में भी भारत सरकार ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ के लिए धन की व्यवस्था की तथा राज्यों से कहा कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अपने यहां के लोकल प्रोडक्ट को प्रमोट करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रोजगार की संभावनाओं को विकसित किये जाने की आवश्यकता है, क्योंकि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण राज्य में 20 से 25 लाख प्रवासी श्रमिक/कामगार प्रदेश में वापस आ रहे हैं। इन्हें बड़ी संख्या में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर के माध्यम से रोजगार दिया जा सकता है।