नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रदेश उपप्रधान उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक जम्मू कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश रहेगा, वो विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी, जिसने पिछले साल केंद्र सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, वह इसका हमेशा विरोध करती रहेगी। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करना लोगों के हित में लिया गया फैसला नहीं बल्कि यह यहां के लोगों का अपमान है।

जम्मू कश्मीर की जनता का अपमान
इंडियन एक्सप्रेस में अपने एक लेख उन्होंने कहा कि पिछले सात दशकों में केंद्रशासित प्रदेशों को पूर्ण राज्य में तब्दील किया जाता रहा है और ये पहला मौका है जब एक राज्य को केंद्रशासित प्रदेश में बदला गया है। यह जम्मू कश्मीर की जनता का अपमान है।

पिछले अगस्त में हुए थे गिरफ्तार
बता दें कि उमर अब्दुल्ला तथा उनके पिता फारुक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित सैकड़ों राजनेताओं को पिछले साल अगस्त में हिरासत में ले लिया गया था या गिरफ्तार कर लिया गया था, जब केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अंतर्गत राज्य को दिए गए विशेष दर्जे को खत्म कर उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों – जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख – में बांट दिया था।