नयी दिल्ली: भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंध एवं देखरेख का काम एक गैर सिख संस्था को सौंपे जाने के पाकिस्तान के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए आज पाकिस्तान सरकार का आह्वान किया कि वह सिखों की भावनाओं के विरुद्ध इस मनमाने फैसले काे वापस ले।

गैर सिख संस्था को सौंपा जा रहा है देखरेख का काम
विदेश मंत्रालय ने आज यहां एक बयान में कहा, “हमने उन रिपोर्टों को देखा जिनके अनुसार पाकिस्तान पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का प्रबंधन एवं देखरेख का काम अल्पसंख्यक सिख समुदाय की संस्था पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से लेकर एक गैर सिख संस्था इवेक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के हाथों दिया जा रहा है।”

निर्णय को निंदनीय क़रार दिया
बयान में कहा गया, “पाकिस्तान का यह एकतरफा निर्णय निंदनीय है और करतारपुर साहिब कॉरीडोर खोले जाने की भावना और सिख समुदाय के धार्मिक ख्यालों के विरुद्ध है। ऐसे कदम पाकिस्तानी सरकार और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों एवं कल्याण के लंबे चौड़े दावों की असलियत उजागर करते हैं।”

प्रबंध करने का अधिकार सिख समुदाय का
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान का आह्वान किया कि वह सिख समुदाय के अधिकारों के हनन करने वाले मनमाने फैसले को वापस ले। बयान में कहा गया कि गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंध संबंधी मामलों का प्रबंध करने का अधिकार सिख समुदाय का है।