दिल्ली:
इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इजरायल को चेतावनी दी है। इजरायल द्वारा गाजा पर की जा रही कुछ कार्रवाई पर ओबामा ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि गाजा में खाने-पानी में कटौती कई पीढ़ियों तक फिलिस्तीनियों के रवैये को सख्त बना सकती है। यही नहीं इस तरह की कार्रवाई इजरायल के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन को भी कमजोर कर सकती है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि इजरायल की वह सैन्य रणनीति जो जंग की मानवीय लागतों को नजरअंदाज करती हैं, उनका उल्टा असर हो सकता है। उन्होंने कहा कि गाजा में लोगों के लिए भोजन, पानी और बिजली काटने के इजरायल की सरकार के फैसले से न सिर्फ बढ़ते मानवीय संकट का खतरा है, बल्कि यह पीढ़ियों के लिए फिलिस्तीनी रवैये को और ज्यादा कठोर बना सकता है। साथ ही इजरायल के लिए वैश्विक समर्थन को भी खत्म कर सकता है। उन्होंने कहा कि इजरायल के दुश्मन इसका इस्तेमाल कर सकते हैं और क्षेत्र में शांति और स्थिरता हासिल करने के दीर्घकालिक प्रयासों को कमजोर कर सकते हैं।

हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था। हमलों में 1400 लोगों की जान चली गई थी। हमास के हमलों के जवाब में इजरायल की गाजा पट्टी में बमबारी जारी है। इजरायल लगातार गाजा में बमबारी कर रहा है। इन हमलों में अब तक 5000 फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी है। ओबामा ने हमास के हमले की निंदा तो की, लेकिन ऐसे युद्धों में नागरिकों को होने वाले खतरों के बारे में इजरायल को चेताया।

ओबामा के अमेरिका के राष्ट्रपति रहते समय अमेरिकी प्रशासन ने इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच शांति समझौता कराने की कोशिश की थी। लेकिन कोशिश नाकाम साबित हुई थी। अमेराका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2021 में राष्ट्रपति बनने के बाद से लंबे समय से रुकी हुई इस बातचीत को फिर से शुरू करने की कोशिश नहीं की। बाइडेन प्रशासन का दावा है कि दोनों पक्ष अड़ियल रुख पर कायम हैं।

गाजा का क्षेत्रफल करीब 45 किमी लंबा है। गाजा में 20 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। इस इलाके पर 2007 से हमास राजनीतिक रूप से भी शासन कर रहा है। हमास के हमलों के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी में नाकाबंदी कर दी है। ऐसा करने से फिलिस्तीनियों को काफी नुकसान पहुंचा है।