बीजिंग: चीन की सरकार ने अब दम्पत्तियों को तीन बच्चे पैदा करने की छूट मिल गयी है. सरकार ने ये कदम देश की जनसंख्या संरचना में सुधार और देश की तेजी से बूढ़ी होती आबादी के समाधान के तौर पर उठाया है. इस बात की जानकारी चीन की सरकारी मीडिया ने दी है. इस फैसले की घोषणा राष्ट्रपति शी जनिपिंग की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के बाद सोमवार को की गई है. बयान जारी कर कहा गया कि अधिक उम्र वाली आबादी की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए बड़े कदम उठाने की जरूरत है.

आबादी की रफ़्तार बहुत धीमी
दरअसल चीन ने इसी महीने जनगणना के सरकारी आंकड़े जारी किए थे. जिनसे पता चला कि देश की आबादी बीते दशक काफी धीमी गति से बढ़ी है. बीते दस साल में औसत वार्षिक वृद्धि दर 0.53 फीसदी रही, जबकि यही दर 2000 से 2010 के बीच 0.57 फीसदी की दर से नीचे थी . विशेषज्ञों ने आबादी बढ़ने की इस दर पर चिंता जताई थी. जिससे चीनी सरकार पर इस बात का दबाव बढ़ा कि वह दंपतियों को अधिक बच्चे पैदा करने को कहे, ताकि जनसंख्या में आ रही कमी को रोका जा सके.

1979 में लागू हुई थी ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’
चीन ने बढ़ती आबादी को रोकने के लिए 1979 में ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ लागू की थी. इस नियम का उल्लंघन करने वालों को जुर्माना भरना होता था, उनका रोजगार चला जताा था और कई बार गर्भपात कराने तक को मजबूर होना पड़ता था. 2016 में इस नीति को समाप्त कर दंपति को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई.