टीम इंस्टेंटखबर
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमला करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोविड काल में 9% MSMEs बंद हो गईं जिससे मित्रों को फायदा हुआ लेकिन देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई और बड़ी संख्या में रोजगार खत्म हो गया.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा, ‘सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSMEs) पर मैंने सरकार से कुछ गंभीर प्रश्न किए थे जिनके जवाब में उन्होंने माना है कि कोविड काल में 9% MSMEs बंद हो गईं. यानी मित्रों का फायदा, अर्थव्यवस्था कमजोर और रोजगार खत्म!’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि पिछले साल अगस्त में किए गए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में करीब 5,744 एमएसएमई को शामिल किया गया था, जिसमें पाया गया कि उनमें से 91 प्रतिशत काम कर रहे हैं जबकि 9 प्रतिशत कोविड-19 के कारण बंद हो गए हैं.

एमएसएमई व्यवसाय के मालिकों द्वारा खुदकुशी की संख्या में खतरनाक वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर, नारायण राणे ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2019 में कुल 9,052 बिजनेस मालिकों ने खुदकुशी की, जबकि 2020 में यह संख्या बढ़कर 11,716 हो गई. एमएसएमई को सहायता प्रदान करने के सवाल पर, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत एमएसएमई सहित व्यवसायों को 2.82 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं.

इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कल गुरुवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में विशेष जांच दल (SIT) के अदालत में दिए गए आवेदन की पृष्ठभूमि में लोकसभा में कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी को बर्खास्त किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा एक क्रिमिनल हैं, जिन्हें तुरंत हटाया जाना चाहिए. हालांकि, दूसरी तरफ सरकार अजय मिश्रा को हटाने के मूड में नहीं दिख रही है.

हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जब प्रश्नकाल के दौरान राहुल गांधी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSMEs) से संबंधित उनका सूचीबद्ध पूरक सवाल पूछने के लिए कहा तो कांग्रेस सांसद ने लखीमपुर खीरी की हिंसा का मसला उठाया और आरोप लगाया कि अजय मिश्रा इस घटना में शामिल हैं.

राहुल गांधी लखीमपुर हिंसा मामले में बोलना चाहते थे लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि जो प्रश्न था, उस बारे में बात करने की बजाय राहुल गांधी दूसरी बात कर रहे थे.