नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि प्रतिभाशाली अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (SSR) की मौत की सच्चाई सामने आनी ही चाहिए। इसी बीच, केन्द्र ने कोर्ट को सूचित किया कि उसने इस मामले को केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली है। न्यायमूर्ति ऋषिकेष राय (rishikesh rai) की एकल पीठ ने महाराष्ट्र और बिहार सरकार के साथ ही सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह को निर्देश दिया कि वे अभिनेत्री रिया चक्रवती की याचिका पर तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल करें।

सुशांत के पिता ने दर्ज कराइ थी शिकायत
रिया चक्रवर्ती ने सुशांत के पिता द्वारा पटना के राजीव नगर थाने में 24 जुलाई को दर्ज करायी गयी प्राथमिकी मुंबई पुलिस के पास भेजने का अनुरोध करते हुये कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। प्राथमिकी में रिया पर सुशांत को आत्महत्या के लिय उकसाने का आरोप लगाया गया है। शीर्ष अदालत ने रिया की याचिका अगले सप्ताह के लिये सूचीबद्ध करते हुये मुंबई पुलिस को राजपूत की मृत्यु के मामले में अब तक की जाच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के उपनगर बांद्रा में अपने घर में मृत पाये गये थे।

केंद्र ने स्वीकार बिहार सरकार की सिफारिश
इसके बाद से ही मुंबई पुलिस विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुये इसकी जांच कर रही है। इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश उसने स्वीकार कर ली है। पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से सुनवाई करते हुये कहा, ‘‘रिया चक्रवर्ती की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार जवाब दाखिल करे और जहां तक इस कलाकार की मृत्यु का सवाल है तो सच्चाई सामने आनी ही चाहिए।’’

मुंबई पुलिस पर आरोप
पीठ ने कहा, ‘‘इस मामले में एक विलक्षण प्रतिभा वाले कलाकार का निधन हुआ है।’’ पीठ ने कहा कि उसके समक्ष उठाया गया बुनियादी मुद्दा यह है कि इस मामले की जाच का किस पुलिस को अधिकार है। सुशांत के पिता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले की विवेचना करता है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है लेकिन रिया चक्रवर्ती को संरक्षण देने वाला कोई आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए। सिंह ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र पुलिस इस मामले में साक्ष्य नष्ट कर रही है और फिलहाल उसे बिहार पुलिस के साथ जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।