टीम इंस्टेंटखबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकबार फिर देश के लोगों को अपने मन की बात बताई और कहा कि वह सत्ता के लिए नहीं सेवा के लिए आये हैं. मन की बात में प्रधानमंत्री ने अपने बारे में कहा, “मैं जनता का सेवक हूँ। मैं सत्ता में नहीं, सेवा में रहना चाहता हूँ। प्रधानमंत्री का पद सेवा के लिए ही होता है।”
पर्यावरण के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा कि जब हम प्रकृति का संरक्षण करते हैं तभी प्रकृति हमें भी संरक्षण देती है और प्रकृति से हमारे लिये खतरा तभी पैदा होता है जब हम उसके संतुलन को बिगाड़ते हैं या उसकी पवित्रता नष्ट करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति मां की तरह हमारा पालन भी करती है और हमारी दुनिया में नए-नए रंग भी भरती है।
मन की बात कार्यक्रम का पहला एपिसोड 3 अक्टूबर 2014 को प्रसारित किया गया था। इससे पहले 24 अक्टूबर को प्रस्तावित मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान के कार्यान्वयन पर जोर दिया था।
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