दिल्ली:
केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया है. संसद के मौजूदा मानसून सत्र के पांचवें दिन बुधवार को कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। उनके अलावा बीआरएस सांसद नागेश्वर राव ने भी अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया है. ये अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर के मुद्दे पर दिया गया है. विपक्ष मणिपुर में जारी हिंसा पर सदन में चर्चा और पीएम मोदी से जवाब की मांग कर रहा है. सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन वह पीएम मोदी के बजाय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जवाब देना चाहती है. विपक्ष पीएम मोदी से जवाब मांग रहा है. इस मुद्दे पर पिछले चार दिनों से संसद में जमकर हंगामा हो रहा है.

दिल्ली:
बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा सदस्यों ने 1999 के कारगिल युद्ध में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। तभी कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. इससे पहले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सुबह 9.20 बजे लोकसभा सचिव कार्यालय में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार कर लिया है. केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर अगले हफ्ते चर्चा हो सकती है. आपको बता दें कि संख्या बल के मामले में विपक्ष मौजूदा एनडीए सरकार से काफी पीछे है. लेकिन इसके बाद भी विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है.

गौरव गोगोई के अलावा बीआरएस सांसद नामा नागेश्वर राव ने भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया. सुबह 11 बजे संसद की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों में सबसे पहले कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. तभी विपक्षी नेता अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाने लगे.

इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. सदन में विपक्षी दलों की नारेबाजी और हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. 12 बजे के बाद जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई तो फिर हंगामा हो गया. ऐसे में सदन की कार्यवाही फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.