लखनऊ:
इमामबाड़ा गुफ़रान मआब में मुहर्रम की छठी मजलिस को ख़िताब करते हुए मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि अल्लाह ने कायनात की शुरुआत से इम्तेहान और आज़माइश का सिलसिला रखा है क्योंकि बिना इम्तेहान के इंसान के तख़्लीख़ी जौहर सामने नहीं आते , इसलिए अम्बिया का भी इम्तेहान हुआ और अइम्मा मासूमीन (अ.स.) के लिए भी इम्तेहान रखा गया। मौलाना ने कहा कि क़ाबील द्वारा हज़रत हाबील का क़त्ल हज़रत आदम (अ.स.) के लिए एक परीक्षा थी। हज़रत आदम अपने बेटे की शहादत पर हमेशा रोते रहे। इसी तरह आख़िरी पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह (स.अ.व) के लिए भी इम्तिहान रखा गया। कर्बला में इमाम हुसैन (अ.स.) की शहादत भी एक इम्तिहान है और अल्लाह की तरफ से आज़माइश का एक सिलसिला हैं। मौलाना तक़रीर के दौरान कहा कि अली (अ.स.) की विलायत के बिना कोई भी अमल क़ाबिले क़ुबूल नहीं है। अज़ान में अली की विलायत का ऐलान इस लिए रखा गया है ताकि ग़दीर का ऐलान रोज़ ताज़ा होता रहे और मोमनीन के दिल रौशन होते रहें।

मजलिस के अंत में मौलाना ने पैग़म्बरे ख़ुदा (स.अ.व) की शबीह, इमाम हुसैन के बेटे हज़रत अली अकबर (अ.स.) की शहादत को बयान किया। मजलिस के बाद अंजुमने हाय मातमी ने सीना ज़नी के फ़राएज़ अंजाम दिए।