नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता स्‍टेन स्‍वामी की मौत के एक दिन बाद अमेरिकी फोरेंसिंक एजेंसी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सुरेंद्र गाडलिंग के कंप्‍यूटर में आपत्तिजनक सबूत प्‍लांट किए थे. गाडलिंग को भी, ईसाई धर्मगुरू की तरह प्रतिबंधित ग्रुप सीपीआई (माओवादी) के साथ कथित संबंध को लेकर कठोर आतंकरोधी कानून के तहत अरेस्‍ट किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, सुरेंद्र गाडलिंग के कंप्‍यूटर को उसकी गिरफ्तारी के दो साल पहले ही निशाना बनाया गया था इससे इस आशंका को बल मिलता है कि स्‍वेमी के कंप्‍यूटर को भी इसी तरह टारगेट किया गया होगा. गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव मामले में हिरासत में रखे गए सामाजिक कार्यकर्ता स्‍टेन स्‍वामी का मुंबई के अस्‍पताल में निधन हो गया था, वे 84 साल के थे और कुछ दिन से अस्‍पताल में लाइफ सपोर्ट पर थे.

84 वर्षीय ईसाई धर्मगुरु और सुरेंद्र गाडलिंग उन 16 लोगों में थे जिन्‍हें मामले, जिसे भीमा-कोरेगांव केस के नाम से जाना जाता है, में आरोपी थे. स्‍टेन ने अपने कई जमानती आवेदनों में तर्क किया था कि उसके खिलाफ दंगा भड़काने और माओवादियों से संबंध रखने को लेकर पेश किए गए सुबूत ‘गढ़े’ गए थे. राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने दावा किया था कि स्‍टेन स्‍वामी और 15 अन्‍य आरोपियों ने महाराष्‍ट्र के भीमा-कोरेगांव में तीन साल पहले दंगा भड़काया था जब लाखों की संख्‍या में दलित उस ऐतिहासिक लड़ाई का जश्‍न मनाने के लिए एकत्रित हुए थे जिसमें दलितों ने उच्‍च जाति आर्मी को हराया था. आलोचकों का कहना है कि यह कठोर कानून का उपयोग सरकार ने वामपंथी बुद्धिजीवियों सहित अपने विरोधियों को टारगेट करने में किया है.