नई दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को इस साल पूरे देश में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सहित पूरे देश ने नेताजी को इस अवसर पर याद किया. लेकिन अब राष्ट्रपति भवन में लगी एक तस्वीर को लेकर विवाद शुरू हो गया है.राष्ट्रपति भवन में लगाए गए इस चित्र को लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है. कुछ लोग इस तस्वीर को सुभाष चंद्र बोस की जगह एक अभिनेता की तस्वीर बता रहे हैं.

बीजेपी ने आरोप को किया ख़ारिज
हालांकि बीजेपी सूत्रों ने आरोप को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि यह तस्वीर नेताजी के परिवार द्वारा प्रसिद्ध पद्म श्री पुरस्कार विजेता कलाकार परेश मैती को प्रदान की गई थी, जिन्होंने इस चित्र को चित्रित किया था. सूत्रों ने कहा, “फोटो प्रोसेनजीत की तरह नहीं है. यह एक अनावश्यक विवाद है.” यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि परिवार के किस सदस्य ने इस फोटो को प्रदान किया था.बताते चले कि 56 वर्षीय परेश मैती बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले से हैं और वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं.

महुआ मोइत्रा ने उठाया था सवाल
चित्र को लेकर सवाल उठाने वालों में तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा भी शामिल हैं. उन्होंने ट्वीट किया: “राम मंदिर को 5 लाख दान करने के बाद, राष्ट्रपति ने प्रसेनजित के चित्र का अनावरण करके नेताजी का सम्मान किया हैं, हालांकि ट्वीट को बाद में उन्होंने डिलीट कर दिया. इसके अलावा भी कई ऐसे ट्वीट सामने आए हैं जिसमें इसे लेकर सवाल उठाए गए हैं.

सोशल मीडिया पर बहस
ट्विटर पर लिखा गया है कि ऐसी हालत है इस देश की. भारत के राष्ट्रपति ने प्रसेनजित चटर्जी के आधिकारिक चित्र का अनावरण किया है राष्ट्रपति भवन में, नेताजी का नहीं. प्रसेनजित चटर्जी ने श्री जीत मुखर्जी निर्देशित फिल्म गुमनामी में नेताजी के रूप में काम किया था. गौरतलब है कि नेताजी के रूप में अपनी भूमिका में, बंगाली फिल्म स्टार प्रोसेनजीत चटर्जी 2019 की फिल्म में काफी समानता रखते हैं और उन्होंने कथित तौर पर अपने परिवर्तन के लिए प्रोस्थेटिक्स का इस्तेमाल किया था.