एन95 मास्क को माना जाता है कि यह कोरोना वायरस को रोकने में पूरी तरह सक्षम है. अब वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में खुलासा किया है कि एक्स्हेलेसन वॉल्व वाले मास्क तोकोना संक्रमण को रोकने की गति धीमी नहीं कर पाते हैं. इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने एयर फ्लो के हाई-स्पीड वीडियोज का प्रयोग किया. यह शोध फिजिक्स ऑफ फ्लड्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है. दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन पर शोध हो रहे हैं. जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती है, इससे बचाव के लिए मास्क का प्रयोग हो रहा है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड्स एंड टेक्नोलॉजी (NIST) के रिसर्चर्स ने वॉल्व वाले मास्क और बिना वॉल्व वाले मास्क से होकर गुजरने वाली हवाओं का वीडियोज बनाया और उसके पैटर्न के आधार पर एक रिसर्च इंजीनियर मैथ्यू स्टेमेट्स ने बताया, वीडियोज से साफ पता चल रहा है कि वॉल्व से हवा बिना फिल्टर हुए गुजर जा रही है जिससे मास्क पहनने का उद्देश्य ही खत्म हो जा रहा है. वॉल्व वाले मास्क से इसे पहनने वालों को सांस लेने में आसानी रहती है और इससे पहनने वाले को सुरक्षा मिलती है. जैसे कि किसी कंस्ट्रक्शन साइट पर वर्कर्स को या मरीजों से अस्पताल कर्मियों को वॉल्व वाले मास्क से सुरक्षा मिलती है.
इस तरह किया गया शोध
स्टेमेट्स ने वीडियोज तैयार करने के लिए विभिन्न प्रकार के फ्लो विजुअलाइजेशन तकनीक का सहारा लिया.
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