टीम इंस्टेंटखबर
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति के एक वकील रईस अहमद अंसारी ने सोमवार को कहा कि याचिकाकर्ताओं का ‘शिवलिंग’ के बारे में दावा बेबुनियाद है क्योंकि वजूखाना में कोई शिवलिंग नहीं मिला है।

वकील ने कहा, ‘ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना में केवल एक फव्वारा है। याचिकाकर्ता जिस ढांचे को शिवलिंग होने का दावा कर रहे हैं वह एक फव्वारा है।

रईस ने कहा कि यह अदालत का पूर्व-पक्षीय आदेश था और जल्दबाजी में दिया गया था। अंसारी ने कहा, ‘हम आदेश से संतुष्ट नहीं हैं और जल्द ही इसे चुनौती देंगे।’ वहीं, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई करने के लिए तैयार है, जिसमें अदालत द्वारा नियुक्त आयुक्त को ज्ञानवापी मस्जिद का निरीक्षण, सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी करने की अनुमति दी गई है। लगातार तीन दिनों तक किया गया सर्वे कुछ घंटे पहले कड़ी सुरक्षा के बीच समाप्त हो गया।

विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने कहा, ‘सर्वेक्षण की कार्यवाही की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। हम इसे 17 मई को न्यायालय में प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं।’ बता दें कि इस जिस मस्जिद में हिंदुओं ने पूजा के अधिकार का दावा किया है, वह प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के नजदीक है।