लखनऊ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अभी 6-7 महीने बाकी हैं लेकिन राजनीतिक हवा का रुख देखते हुए दल बदल और घर वापसी का दौर शुरू हो गया है.
शनिवार को बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी अपने बेटे के साथ समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो गए। वहीँ पांच वर्षों बाद अम्बिका चौधरी ने भी बेटे के साथ घर वापसी की है।

पूर्वाचल की सियासत में बड़ा दखल रखने वाले बीएसपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और मुहम्मदाबाद विधाननसभा से दो बार विधायक रहे चुके सिबगतुल्लाह अंसारी शनिवार को अपने समर्थकों के साथ गाजीपुर से लखनऊ आकर अखिलेश के हाथों समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। उनके साथ उनके बेटे मुन्नू अंसारी भी एसपी में शामिल हुए।

समाजवादी पार्टी सिबगतुल्लाह अंसारी को पार्टी की सदस्यता देकर इलाके के राजनीतिक माहौल में नए तरह का सियासी समीकरण तैयार करने के मूड में है। सिबगतुल्लाह अंसारी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से विधायक रह चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अलका राय से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थामा है, ऐसे में लगभग तय है कि उन्हें या उनके बेटे को 2022 के विधाननसभा चुनाव में पार्टी वहां से टिकट देगी।

वहीँ समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे अम्बिका चौधरी ने भी करीब पांच साल बाद आज घर वापसी कर ली है। अम्बिका चौधरी 1993 से लगातार विधायक रहे और मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। पार्टी छोड़कर उन्होंने 2017 में बीएसपी से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। हालांकि इसकी पटकथा महीनों पहले तय हो गई थी, जब उनके बेटे को सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट दिया था, जो जिला पंचायत अध्यक्ष भी बने हैं।