टीम इंस्टेंटखबर
गाज़ियाबाद की विशेष सेशन कोर्ट ने आज 2006 संकट मोचन मंदिर सीरियल ब्लास्ट मामले के इकलौते आरोपी मुफ़्ती वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है. मुफ़्ती वलीउल्लाह का सम्बन्ध उत्तर प्रदेश के फूलपुर से है. कोर्ट ने आरोपी को दो मामलों में कुसूरवार ठहराया है जबकि एक मामले में बरी कर दिया है.

पिछले दस बरसों से आरोपी को जमीअत उलमाये हिन्द कानूनी इमदाद कमेटी की ओर से कानूनी मदद उपलब्ध कराई जा रही थी. वर्ष 2006 में आरोपी की गिरफ़्तारी के बाद उसे वाराणसी कोर्ट में पेश किया गया था लेकिन वकीलों के लगातार बहिष्कार के बाद आरोपी वलीउल्लाह का मुकदमा गाज़ियाबाद ट्रांसफर कर दिया गया। केस ट्रांसफर होने के बाद आरोपी के परिवार के अनुरोध पर जमीअत उल्माए हिन्द ने आरोपी के डिफेंस में अधिवक्ता आरिफ अली और एडवोकेट महेश चंद्र को नियुक्त किया था जिन्होंने उसका डिफेंस किया।

इस बारे में जमीअत उलमा महाराष्ट्र कानूनी इमदाद कमिटी के प्रमुख गुलज़ार आज़मी ने मुंबई में अखबारनवीसों को बताया कि निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी क्योंकि कोर्ट ने इस्तगासा की दलीलों को तो स्वीकार कर लिया लेकिन वकीले दिफ़ा की दलीलों को अहमियत नहीं दी. अगर कोर्ट डिफेंस की दलीलों को स्वीकार कर लेती तो आरोपी तीनों मामलों में बरी हो जाता। एक केस में बरी होना इस बात की ओर इशारा करता है कि आरोपी पर झूठा मुकदमा दायर किया गया था वरना अदालत मुल्ज़िम को तीनों मामलों में कुसूरवार ठहराती।