बीएसई पर सूचीबद्ध नाॅन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनी मनीबाॅक्स फाइनैंस लिमिटेड (मनीबाॅक्स) जो तीसरे स्तर के शहरों और छोटे नगरों में लघु एवं छोटे उद्यमों को सूक्ष्म ऋण उपलब्ध कराती है, ने वित्तीय वर्ष 22 की तीसरी तिमाही के दौरान अपनी शाखाओं की बढ़ती उत्पादकता और सशक्त वितरण के चलते जनवरी 2022 में रु 100 के एयूएम के आंकड़े को पार कर लिया है। जनवरी 2022 तक समग्र वितरण रु 168 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच गया है। कंपनी ने दिसम्बर 21 में रु 14.41 करोड़ की इक्विटी जुटाई और इसे 17 ऋणदाताओं का समर्थन प्राप्त है। कंपनी ने मार्च 2022 तक 6 और शाखाएं खोलने की योजना बनाई है, इसके साथ कंपनी की शाखाओं की संख्या 5 राज्यों में 30 तक पहुंच जाएगी। वित्तीय वर्ष 23 में कंपनी ने रु 400 करोड़ के एयूएम का लक्ष्य तय किया है। ज़रूरी क्षेत्रों पर फोकस के साथ संतुलित एवं विविध बिज़नेस माॅडलः कंपनी का एयूएम विभिन्न भोगौलिक क्षेत्रों एवं सेक्टरों में फैला है, जिसमें ज़रूरी सेक्टरों और सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे पोर्टफोलियो की गुणवत्ता को स्थिरता मिल रही है। एयूएम विभिन्न राज्यों में फैला है, जिसमें जनवरी 22 में किसी भी एक राज्य का एयूएम 35 फीसदी से अधिक नहीं है। जीवन में ला रहा है बदलावः मनीबाॅक्स भारत के तीसरे स्तर के शहरों एवं छोटे नगरों में वंचित छोटे उद्यमों को ऋण के द्वारा आय सृजन के अवसर उपलब्ध कराकर वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करता है। अब तक मनीबाॅक्स 12,000 से अधिक ऋण लेने वालों के जीवन में बदलाव ला चुका है, जिनमें से 25 फीसदी महिला उद्यमी हैं और 31 फीसदी ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहली बार ऋण लिया है। हम इन्हें सम्पत्ति की खरीद, पूंजी एवं आय सृजन के लिए ऋण देकर उनकी आय को कई गुना बढ़ाने में मदद करते हैं, इस तरह हम सिर्फ पूंजी के दायरे से बाहर जाकर उन पर स्थायी प्रभाव उत्पन्न कर रहे हैं। हमारे ऋण के साथ कृषि उद्यमी की आय तीन सालों में दोगुनी हो जाती है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। मनीबाॅक्स संभवतया देश की एकमात्र एनबीएफसी है जो डेयरी किसानों की दूध उत्पादकता बढ़ाने एवं उनके मवेशियों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए अपनी शाखाओं में वेट्स की भर्ती कर रही है। इस तरह यह फाइनैंसिंग के दायरे से बाहर जाकर सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।