टीम इंस्टेंटखबर
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजीजू ने न्यायपालिका, विधायिका और चुनाव आयोग के बीच तालमेल पर बात करते हुए जजों को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने जजों को भाषा की मर्यादा समझते हुए कहा कि चुनाव आयोग के बारे में जजों को सोच-समझकर बोलना चाहिए.

मोदी के मंत्री ने कहा, न्यायपालिका, विधायिका और चुनाव आयोग के बीच तालमेल होना जरूरी है लेकिन किसी के काम में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. किसी की भी आलोचना करना ठीक है और की जा सकती है लेकिन भाषा का मर्यादा रहना चाहिए. कोर्ट को भी ध्यान देना चाहिए कि वो किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है. हर कोई अपना काम कर रहा. तीखी आलोचना करने में बुराई नहीं है पर अच्छे कामों की सराहना भी होनी चाहिए.

रिजिजू ने कहा, पूरे देश में नागरिकों के पास वोटर कार्ड होता है और ये सबसे महत्वपूर्ण है, जो नागरिक अधिकार और लोकतंत्र के महत्व को दर्शाता है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने इतने सालों में बहुत बेहतरीन काम किया है. उन्होंने कहा, ‘मेरा खुद का पिछले 7 चुनावों के लड़ने का अनुभव भी बहुत अच्छा रहा है. यही भारत के लोकतंत्र को और मजबूत बनाता है.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने सुप्रीम कोर्ट-हाई कोर्ट के जजों और अपने सहयोगियों को तालमेल बनाकर चलने को कहा है. चुनाव आयोग के बारे में जजों को सोच-समझकर बोलना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘संसद से लॉ रिफॉर्म वाला बिल पास तो हो गया पर मुझे जो सराहना करनी थी, वो मौका नहीं मिला (हंगामे के चलते). आने वाले दिनों में और भी चुनाव सुधार किए जाएंगे.’