झुकी मोदी सरकार, जातिगत जनगणना कराने का किया एलान
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद अहम घोषणा करते हुए जानकारी दी कि केंद्र सरकार जातिगत जनगणना करेगी. उन्होंने पत्रकारों को जानकारी दी कि राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए। बता दें कि राजनीतिक रूप से सरकार के इस कदम को विपक्ष विशेषकर राहुल गाँधी की बड़ी जीत बताया जा रहा है क्योंकि राहुल गाँधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा और उसके बाद मोदी सरकार के इस एलान तक बड़ी मुखरता से जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाते रहे हैं. राहुल गाँधी ने संसद सत्र के दौरान कहा था कि वह इसी सदन से जातिगत जनगणना करवाकर रहेंगे और आज उनकी बात सच साबित हुई और सरकार को जातिगत जनगणना का एलान करने पर मजबूर होना पड़ा.
सरकार ने बुधवार को फैसला किया कि आगामी जनगणना में जातिगत गणना को ‘‘पारदर्शी’’ तरीके से शामिल किया जाएगा। राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जनगणना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आती है लेकिन कुछ राज्यों ने सर्वेक्षण के नाम पर जाति गणना की है।
वैष्णव ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने राजनीतिक कारणों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का संकल्प है कि आगामी अखिल भारतीय जनगणना प्रक्रिया में जातिगत गणना को पारदर्शी तरीके से शामिल किया जाएगा। भारत में प्रत्येक 10 साल में होने वाली जनगणना अप्रैल 2020 में शुरू होनी थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई।