संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर पूरे प्रदेश में हुआ विरोध प्रदर्शन

लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार के जिम्मेदार केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र को मंत्री परिषद से बर्खास्त कर गिरफ्तार करने, सुप्रीम कोर्ट की प्रत्यक्ष गिरानी में एसआईटी जांच कराने, तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने की मांगों पर आज संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी के आवाहन पर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट और मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किए। यह जानकारी आइपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी और मजदूर किसान मंच के महामंत्री डा. बृज बिहारी ने प्रेस को दी।

धरना प्रदर्शन में दिए ज्ञापन में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट तक ने यह महसूस किया है कि अजय मिश्र के गृह राज्यमंत्री के पद पर रहते निष्पक्ष जांच सम्भव नहीं है। उसने जांच में देरी और लापरवाही पर भी चिंता व्यक्त की है। एफआईआर में गृह राज्यमंत्री का नाम भी 120 बी आईपीसी के तहत दर्ज है। इसलिए गृह राज्यमंत्री किसानों के इस हत्याकांड की जवाबदेही से बच नहीं सकते और जब तक वह मंत्री पद पर बने रहेंगे जांच को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे। इससे मृतक किसान परिवारों को न्याय नहीं मिलेगा। इसलिए लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार के जिम्मेदार केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को मंत्री परिषद से बर्खास्त किया जाए और एफआईआर के अनुरूप उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की जाए।

सीतापुर में मजदूर किसान मंच के महामंत्री डा बृज बिहारी और सुनीला रावत के नेतृत्व में तेरह दिन से जारी अनिश्चितकालीन धरना आज भी जारी रहा। वहीं सोनभद्र के म्योरपुर ब्लाक के रासपहरी गांव में 15 दिनों से गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त करने और जनमुद्दों पर धरना जारी है। मऊ में आइपीएफ प्रदेश उपाध्यक्ष व बुनकर वाहनी के अध्यक्ष एकबाल अहमद अंसारी के नेतृत्व में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौपा गया। लखीमपुर के कई गांवों में आइपीएफ प्रदेश अध्यक्ष डा. बी. आर. गौतम के नेतृत्व में प्रदर्शन किए गए। गोण्ड़ा की कर्नलगंज तहसील में आइपीएफ संयोजक साबिर अजीजी व आरिफ के नेतृत्व में प्रदर्शन कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। लखनऊ में राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी, प्रदेश उपाध्यक्ष उमाकांत श्रीवास्तव, वर्कर्स फ्रंट अध्यक्ष दिनकर कपूर और गोरखपुर में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शगुफ्ता यासमीन, आगरा में आइपीएफ महासचिव इंजीनियर दुर्गा प्रसाद ने विरोध दर्ज कराया।