मुंबई:
एचडीएफसी बैंक, भारत में निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक, ने दिन शुक्रवार से सभी अपेक्षित शेयरधारक और नियामक अनुमतियां प्राप्त होने के बाद, भारत की प्रमुख हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के साथ विलय के सफल समापन की घोषणा की। एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड ने अपेक्षित सहमति और अनुमोदन प्राप्त करने के संदर्भ में, 4 अप्रैल, 2022 को संयुक्त तौर पर विलय के निर्णय की घोषणा की थी और इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 15 से 18 महीने की समय सीमा का संकेत दिया था। दोनों कंपनियों के बोर्ड ने आज आयोजित अपनी-अपनी बैठकों में यह निश्चय किया कि दोनों कंपनियों का विलय 1 जुलाई, 2023 से प्रभावी होगा।

विलय की गई इकाई अन्य बातों के साथ-साथ दोनों संस्थाओं के बीच मौजूद महत्वपूर्ण पूरकताओं को एक साथ लाती है और बढ़े हुए पैमाने, व्यापक उत्पाद की पेशकश, बैलेंस शीट लचीलेपन से संबंधित ग्राहकों, कर्मचारियों और दोनों संस्थाओं के शेयरधारकों सहित विभिन्न हितधारकों के लिए सार्थक मूल्य बनाने के लिए तैयार है। इसके साथ ही बेहतर आय के अवसरों, परिचालन क्षमता और सहभागिता क्षमता में तालमेल बिठाने की क्षमता भी बेहतर होगी। विलय योजना के अनुसार शेयर एक्सचेंज अनुपात के अनुसार, एचडीएफसी बैंक 2/-रुपए अंकित मूल्य वाले, पूरी तरह से पेड-अप एचडीएफसी लिमिटेड के प्रत्येक 25 शेयर्स के शेयरधारकों को एक रुपये के अंकित मूल्य के 42 नए इक्विटी शेयर जारी और आवंटित करेगा। इस पात्रता के लिए रिकॉर्ड तिथि यानी 13 जुलाई, 2023 है।

विलय के पूरा होने के मौके पर अपने संबोधन में, एचडीएफसी बैंक के सीईओ और एमडी, शशि जगदीशन ने कहा कि ‘‘यह हमारे इस कारोबारी सफर में एक निर्णायक घटना है और मुझे विश्वास है कि हमारी संयुक्त ताकत हमें वित्तीय सेवाओं का एक सक्षम और संपूर्ण इकोसिस्टम बनाने में सक्षम बनाएगी। हम एचडीएफसी बैंक परिवार में एचडीएफसी लिमिटेड की प्रतिभाशाली टीम का स्वागत करते हुए वास्तव में खुश हैं। मेरा मानना है कि हमारी यात्रा बेहतर अनुभव, अनुकूलनशीलता और एक्सीलेंस की निरंतर खोज के तौर पर तय होगी। जैसे-जैसे हम आगे की राह पर आगे बढ़ेंगे, हम चुनौतियों को अवसर के रूप में स्वीकार करेंगे, अपने अनुभवों से सीखेंगे और वित्तीय सेवा उद्योग में सफलता और अखंडता का मानक बनने का प्रयास करेंगे।’’

इस विलय के बाद एचडीएफसी बैंक का कोई आइडेंटीफाई प्रमोटर नहीं है। यह एचडीएफसी बैंक के एक वित्तीय सेवा समूह में परिवर्तन का भी प्रतीक है जो अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से बैंकिंग से लेकर बीमा और म्यूचुअल फंड तक वित्तीय सेवाओं की एक पूरी सीरीज प्रदान करता है। अब तक, बैंक इन उत्पादों का डिस्ट्रीब्यूटर था।

भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का भारत में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक के साथ विलय एक भरोसेमंद होम लोन ब्रांड की ताकत को एक ऐसे संस्थान में लाने के साथ होता है, जिसके पास फंड की कम लागत होती है। बड़ी नेट-वर्थ इकोनॉमी में क्रेडिट (ऋण) के अधिक प्रवाह की सुविधा प्रदान करेगी। यह बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बड़े आकार के ऋणों की अंडरराइटिंग को भी सक्षम बनाएगी और राष्ट्र निर्माण और बड़ी संख्या में रोजगार सृजन में योगदान देगी।

एचडीएफसी लिमिटेड के सभी कर्मचारी प्रभावी तिथि पर एचडीएफसी बैंक के कर्मचारी बन गए हैं। पिछले महीनों में, बैंक न केवल प्रणालियों और प्रक्रियाओं, बल्कि उन सभी पहलुओं के सुचारू एकीकरण की तैयारी कर रहा है, जो एचडीएफसी बैंक को एचडीएफसी लिमिटेड के कर्मचारियों के लिए एक स्वागत योग्य कार्यस्थल बना देगा।

विलय के बाद, एचडीएफसी बैंक की प्रमुख सहायक कंपनियों में एचडीएफसी सिक्योरिटीज लिमिटेड, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स लिमिटेड और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड शामिल हैं।