टीम इंस्टेंटखबर
महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर पर बातचीत शुरू नहीं की गई तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। उन्होंने अफगानिस्तान और अमेरिका का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को पड़ोस में देखना चाहिए कि कैसे अमेरिका को भागना पड़ा।

उन्होंने कहा, “जिस वक्त ये बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा तब आप रोक नहीं पाओगे, मिट जाओगे। बार बार मैं कहती हूं कि हमारा इम्तिहान मत लो. सुधर जाओ, संभल जाओ. पड़ोस (अफगानिस्तान) में देखो क्या हो रहा है, इतनी बड़ी अमेरिकन फ़ोर्स, उनको भी वहां से बोरिया-बिस्तर लेकर वापस जाना पड़ा. आपके पास मौका है अभी, जिस तरह वाजपेयी जी ने जम्मू-कश्मीर में बातचीत शुरू की थी।.उसी तरह आप भी जम्मू कश्मीर में बातचीत का सिलसिला शुरू कीजिए।”

महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार से जम्मू कश्मीर की जनता से बातचीत करने और जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने की अपील की। उन्होंने यह सारी बातें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी मां गुलशन नजीर से करीब तीन घंटे तक पूछताछ किए जाने के बाद पत्रकार वार्ता में कहीं।

उन्होंने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि जो संस्थाएं हमारे अधिकारों की रक्षा करने और भारत की भावना ओर संविधान को बनाए रखने के लिए थीं उनका आज तालिबानीकरण कर दिया गया। उन्होंने मीडिया का तालिबानीकरण करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एनआईए और ईडी जैसी राष्ट्रीय एजेंसियां गंभीर कामों के लिए होती हैं, लेकिन यह देश का दुर्भाग्य है कि इनका प्रयोग आज हथियारों के रूप में किया जा रहा है।