भारतीय निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड्स को लेकर और डाटा जारी किया था। इसमें सामने आया है कि बॉन्ड्स की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार रही हैदराबाद की एक कंपनी ने सबसे ज्यादा चुनावी चंदा भाजपा को दिया था। इस कंपनी का नाम मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड है और इसने भाजपा को 586 करोड़ रुपये डोनेट किए थे। इसके अलावा इसने तेलंगाना में सत्ताधारी पार्टी बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) को भी 195 करोड़ रुपये का चुनावी चंदा दिया था।

कुल मिलाकर 966 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली मेघा इंजीनियरिंग को पिछले कुछ वर्षों में कई बड़े प्रोजेक्ट्स मिले हैं। इनमें जोजिला टनल डील भी शामिल है। इस कंपनी ने एक मीडिया ग्रुप भी खरीदा है। भाजपा और बीआरएस के अलावा इस कंपनी ने डीएमके को 85 करोड़ रुपये का चंदा दिया जिसकी तमिलनाडु में सरकार है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को 37 करोड़ रुपये का दान दिया है। टीडीपी को कंपनी से 25 करोड़ और कांग्रेस को 17 करोड़ का चंदा मिला।

भारतीय निर्वाचन आयोग के डाटा के अनुसार मेघा इंजीनियरिंग ने वित्त वर्ष 2019-20 और 2023-24 के बीच 966 करोड़ रुपये कीमत के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे। साल 2020 में इसे जम्मू-कश्मीर में ऑल वेदर रोड टनल का निर्माण करने का प्रोजेक्ट मिला था। इसके अलावा कुछ शहरों में इस कंपनी को सीएनजी और पाइप्ड कुकिंग गैस के लिए भी लाइसेंस मिला था। इस कंपनी की स्थापना पामिरेड्डी पिची रेड्डी ने मेघा इंजीनियरिंग एंटरप्राइजेज के तौर पर साल 1989 में की थी। तब यह कंपनी नगर पालिकाओं के लिए पाइप्स का निर्माण किया करती थी।

साल 2006 में कंपनी का नाम बदल कर मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर कर दिया गया था। इसके साथ ही कंपनी बांध, नेचुरल गैस डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क्स, पावर प्लांट्स और सड़कों जैसे बड़े इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स पर काम करने लगी थी। बता दें कि यह कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट नहीं है। हैदराबाद में यह कंपनी मेघा ग्रुप के नाम से मशहूर है। चुनावी बॉन्ड्स के जरिए डोनेशनल की बात करें तो इस कंपनी ने अपने कुल चंदे का करीब 60 प्रतिशत भाजपा को दिया है तो 20 प्रतिशत बीआरएस को। आज इसका टर्नओवर करीब 40 हजार करोड़ का है।